इजरायल ने इस्लामवादियों के खिलाप बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन ग्वीर ने देश की पुलिस को मस्जिदों में मुस्लिमों के अजान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि इसके जरिए मुस्लिम यहूदी लोगों को बेवजह परेशान करते हैं।
बेन ग्वीर का कहना है कि बेवजह के शोर और अराजकता से निपटने के लिए ये कदम बहुत ही आवश्यक हो गया है। इसके साथ ही इजरायली मंत्री ने पुलिस को मस्जिदों पर जुर्माना लगाने और वहां पर लगाए गए सभी लाउड स्पीकरों को जब्त करने के लिए भी निर्देशित किया है। इजरायली लोकल मीडिया आउटलेट चैनल 12 से बात करते हुए वह कहते हैं कि मस्जिदों या फिर दूसरे स्त्रोतों के साथ किए जाने वाले अनुचित नॉइज इजरायली लोगों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। ऐसे इस नीति की आवश्यकता थी।
इजरायली मंत्री ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि अरब के कुछ देशों के अलावा पश्चिमी देश भी इस मामले पर कानून बना रहे हैं, नॉइज को कम किया जा सके। इजरायल में अब तक इसे अनदेखा कर दिया जाता था, लेकिन अब से ऐसे नहीं चलेगा।
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हालांकि, मध्य-पूर्व के मुस्लिम देशों को इजरायल द्वारा लगाया गया ये प्रतिबंध बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है। इसी क्रम में यूनाइटेड अरब लिस्ट के नेता मंसूर अब्बास ने बेन ग्वीर की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि जब इजरायली मंत्री अल अक्सा मस्जिद के अंदर हिंसा नहीं भड़का पाए तो अब वे मस्जिदों को टार्गेट कर रहे हैं। वहीं कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इजरायल के कदम को भेदभावपूर्ण मान रहे हैं।
वहीं अमेरिकी इस्लामिक संबंध परिषद (CAIR) ने इजरायल के कदमों की निंदा की। संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक निहाल अवाद का आरोप है कि मस्जिदों, चर्चों, धार्मिक ग्रंथों या फिर सांस्कृतिक स्थलों पर हमला दशकों से फिलिस्तीनी संस्कृति को खत्म करने की इजरायली साजिश का हिस्सा है।
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