डाइवर्सिटी, इक्वालिटी और इन्क्लूशन अध्ययन से बढ़ रही हिंदुओं के प्रति घृणा, मुस्लिमों के प्रति बेचारापन
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

डाइवर्सिटी, इक्वालिटी और इन्क्लूशन अध्ययन से बढ़ रही हिंदुओं के प्रति घृणा, मुस्लिमों के प्रति बेचारापन

विविधता, समानता और समावेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में ऐसे काल्पनिक दृश्यों की बात की जा रही है, जिनके आधार पर हिंदू धर्म के उच्च वर्गों और विशेषकर ब्राह्मणों के विरुद्ध घृणा फैल रही है, घृणा बढ़ रही है।

by सोनाली मिश्रा
Dec 1, 2024, 07:33 pm IST
in भारत, विश्लेषण
Diversity, equality and inclusion study reveals hatred towards Hindus
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

विविधता, समानता और समावेशी अध्ययन, सुनने में कितने अच्छे शब्द लगते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि इनके आधार पर किया जाने वाला अध्ययन समाज में और विभिन्न समुदायों के बीच एकता लाने वाला होगा। मगर अमेरिका में जो यह अध्ययन किया जा रहा है, जो विविधता, समानता और समावेशी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, वे अंतत: हिंदुओं और विशेषकर ब्राह्मणों के विरुद्ध घृणा फैलाने वाले साबित हो रहे हैं।

नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनसीआरआई) और रटगर्स यूनिवर्सिटी द्वारा विविधता, समानता और समावेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषय में बहुत ही चिंताजनक रिपोर्ट प्रकाशित की है। दुर्भाग्य इस बात का है कि ऐसी महत्वपूर्ण रिपोर्ट और उसके निष्कर्षों को मीडिया में वह स्थान नहीं मिला है, जो मिलना चाहिए था। इस रिपोर्ट में इक्वालिटी लैब द्वारा कराए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की बात की गई है। ये वही इक्वालिटी लैब संस्थान है, जो जाति को लेकर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और शोध आदि करता है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विविधता, समानता और समावेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में ऐसे काल्पनिक दृश्यों की बात की जा रही है, जिनके आधार पर हिंदू धर्म के उच्च वर्गों और विशेषकर ब्राह्मणों के विरुद्ध घृणा फैल रही है, घृणा बढ़ रही है।

यह वही अकादमिक घृणा है, जो भारत में भी अब देखी जा रही है। साधारण घटनाओं में जातिगत विद्वेष उत्पन्न किया जा रहा है। नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनसीआरआई) और रटगर्स यूनिवर्सिटी ने रिपोर्ट में जिस पद्धति का प्रयोग किया है, उसमें कहा गया है कि

“अध्ययन ने इक्वालिटी लैब्स से जाति संवेदनशील प्रशिक्षण सामग्रियों को प्रयोग के रूप में इस्तेमाल किया, जिन्हें डीईआई अर्थात विविधता, समानता और समावेशी के शोर के प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए बनाया गया है। एनसीआरई ने नियंत्रण की स्थिति के लिए बर्कले, कैम्ब्रिज और अन्य संस्थानों के सुप्रसिद्ध विद्वानों के कार्यों से जाति पर एक अकादमिक निबंध संकलित किया। नियंत्रण निबंध को जानबूझकर एक तटस्थ, अकादमिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए चुना गया था, जो सनसनीखेज या आरोप लगाने वाली भाषा से मुक्त था। इस नियंत्रण ने हमें जाति के विषय को नियंत्रित करते हुए अत्यधिक आवेशित डीईआई आख्यानों के विशिष्ट प्रभावों को मापने की अनुमति दी, जिससे यह स्पष्ट रूप से पता चला कि कैसे उत्पीड़न विरोधी नैरेटिव उस दृष्टिकोण का निर्माण कर सकता है जो दंडात्मक है।“

इसके बाद रिपोर्ट में इंटरवेंशन और कंट्रोल टेक्स्ट के कुछ उदाहरण दिए गए हैं।

इंटरवेंशन टेक्स्ट के रूप में इक्वालिटी लैब्स का उदाहरण दिया है, जिसमें लिखा है कि “शूद्र और दलित जाति-उत्पीड़ित हैं; वे उच्च जातियों के हाथों सामाजिक-आर्थिक कठिनाई और क्रूर हिंसा सहित गंभीर अन्याय का अनुभव करते हैं। दलित अलग-अलग बस्तियों में रहते हैं, उन्हें मंदिरों में जाने से प्रतिबंधित किया जाता है, और उन्हें स्कूलों और सार्वजनिक सुविधाओं तक पहुँच से वंचित रखा जाता है। 2,500 साल पुरानी जाति व्यवस्था को हिंसा के ज़रिए लागू किया जाता है और दुनिया की सबसे पुरानी, ​​सबसे स्थायी संस्कृतियों में से एक द्वारा इसे बनाए रखा जाता है।”

और कंट्रोल टेक्स्ट के रूप में लिखा है

““जाति और वर्ण भारत की अवधारणाएँ हैं जो लोगों की पहचान और सामाजिक रूप से बातचीत के तरीकों का वर्णन करती हैं। जाति का तात्पर्य उन समूहों से है जिनमें सामान्य विशेषताएँ होती हैं, जिनमें कुल, वर्ग, भाषा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, मूल क्षेत्र, धर्म और व्यवसाय शामिल हैं। वर्ण हिंदू धर्मग्रंथों में मानव विविधता और उद्देश्य को समझने के दर्शन का वर्णन करता है।”

इस रिपोर्ट में कई काल्पनिक दृश्य भी बताए गए हैं, जिनके आधार पर सामान्य घटनाओं में भी जाति द्वेष की कल्पना सहज हो जाती है।

ब्राह्मणों के प्रति घृणा

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जाति अध्ययन में यह भी स्पष्ट होता है कि एडोल्फ़ हिटलर की बातों से शैतान बनाने वाले बयान लिए गए हैं और जिनमें यहूदियों के स्थान पर ब्राह्मण को रख दिया है। जिन प्रतिभागियों को यह सामग्री पढ़ने के लिए दी गई थी, उनमें से कई हिटलर के ऐसे बयानों से सहमत दिखे कि “ब्राह्मण “परजीवी” (+35.4%), “वायरस” (+33.8%), और “शैतान का व्यक्तित्व” (+27.1%) हैं”

इसके साथ ही इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मुस्लिमों को बेचारा बताए जाने की भी बात की है। इस्लामोफोबिया की बात की गई है कि कैसे ये अध्ययन आतंकी घटनाओं को दरकिनार करके यह बता रहे हैं कि अमेरिका में इस्लामोफोबिया है। मुस्लिम विरोधी कानून बनाए जा रहे हैं और न्यायिक व्यवस्था में भी भेदभाव है। लिखा है कि “शरिया विरोधी, अप्रवास विरोधी और मतदाता पहचान पत्र कानून कट्टरता और भय पैदा करने में साथ-साथ चलते हैं। ऐसे प्रतिबंधात्मक उपाय मुसलमानों और अल्पसंख्यकों की स्वतंत्रता को सीमित करते हैं।“

यह रिपोर्ट कहती है कि ऐसे एजेंडे का सामना आतंकी घटनाओं के विषय में विस्तार से बताकर करना चाहिए।

इस रिपोर्ट के आने के बाद हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस बात पर हैरनाई जताई है कि आखिर कैसे हिंदुओं के विरुद्ध इतनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट को अमेरिका के बड़े मीडिया समूहों ने दबा दिया है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने अमेरिका के दो बड़े समाचार आउटलेट द न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्लूमबर्ग पर यह आरोप लगाया कि उन्होनें उस अध्ययन को पूरी तरह से दबा दिया है, जो यह बताता है कि कैसे हिंदुओं के साथ अमेरिका में जाति-आधारित विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कारण हिंदुओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

Topics: Hate against BrahminsDiversity Equality and InclusionNetwork Contagion Research InstituteRutgers UniversityएनसीआरआईHatred against Hindusncriब्राह्मणों के विरुद्ध घृणाडाइवर्सिटी इक्वालिटी और इन्क्लूशननेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूटरटगर्स यूनिवर्सिटीहिंदुओं के प्रति घृणा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

खालिस्तानी जगमीत सिंह का ट्विटर खाता भारत ने प्रतिबंधित किया था

सामने आया खालिस्तानी फर्जी ट्विटर एकाउंट्स का सच, पाकिस्तान से भड़का रहे हैं हिंदू और भारत विरोधी हिंसा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies