Instagram Reels और YouTube Shorts एल्गोरिद्म, आखिर क्यों लग जाती है इसकी लत?
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Instagram Reels और YouTube Shorts एल्गोरिद्म, आखिर क्यों लग जाती है इसकी लत?

इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रील्स और शॉर्ट्स देखते-देखते कब घंटों गुजर जाते हैं, इसका एहसास नहीं होता।

by Mahak Singh
Dec 1, 2024, 05:30 pm IST
in विज्ञान और तकनीक
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इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रील्स और शॉर्ट्स देखते-देखते कब घंटों गुजर जाते हैं, इसका एहसास नहीं होता। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? यह सब एल्गोरिद्म की वजह से है, जो आपकी रुचियों और आदतों को इतनी बारीकी से समझता है कि आपको बार-बार स्क्रीन पर बांध लेता है।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि इंस्टाग्राम और यूट्यूब का एल्गोरिद्म कैसे काम करता है और क्यों यह लोगों को ऐसा चस्का लगा देता है, जिसे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।

क्या है एल्गोरिद्म का खेल?

एल्गोरिद्म एक ऐसा प्रोग्राम है, जो यह तय करता है कि यूजर को कौन-सा वीडियो, पोस्ट या कंटेंट दिखाया जाएगा। हर यूजर के लिए यह फीड अलग और पूरी तरह पर्सनलाइज्ड होती है। इसका आधार आपकी ऑनलाइन गतिविधियां होती हैं, जैसे—आप क्या देख रहे हैं, क्या लाइक कर रहे हैं और किस तरह का कंटेंट आपको रुचिकर लगता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का एल्गोरिद्म हर छोटे-छोटे डिटेल पर ध्यान देता है। यही वजह है कि आपको वही वीडियो बार-बार दिखाई देती हैं, जो आपकी पसंद से मेल खाती हैं।

एल्गोरिद्म कैसे तय करता है आपका फीड?

एल्गोरिद्म तीन मुख्य पहलुओं पर काम करता है-

यूजर इंटरैक्शन

आपकी हर एक गतिविधि को प्लेटफॉर्म ट्रैक करता है। जैसे- किन वीडियो को आपने लाइक या शेयर किया। कौन-सी रील्स आपने पूरी देखी। किस वीडियो को आपने बार-बार प्ले किया। किसे डिसलाइक या रिपोर्ट किया।

वीडियो इनफॉर्मेशन

वीडियो में इस्तेमाल किए गए कैप्शन, हैशटैग, म्यूजिक, और टॉपिक का गहराई से विश्लेषण किया जाता है। यह तय करता है कि अगली बार आपको किस तरह की रील्स या शॉर्ट्स दिखाई जाएं।

डिवाइस और सेटिंग्स

आपकी भाषा, लोकेशन, और डिवाइस का डेटा भी एल्गोरिद्म के लिए मायने रखता है। जब आप अकाउंट बनाते हैं, तो जो प्राथमिकताएं सेट करते हैं, वे भी आपके फीड को प्रभावित करती हैं।

क्यों लगती है शॉर्ट वीडियो की लत?

शॉर्ट्स और रील्स की ड्यूरेशन आमतौर पर 15-30 सेकेंड होती है। इतनी छोटी वीडियो में मनोरंजन, इमोशन्स और जानकारी का ऐसा संतुलन होता है कि यूजर एक के बाद एक वीडियो स्क्रॉल करता जाता है।

हर बार जब आप अपनी पसंद की वीडियो देखते हैं, तो आपके दिमाग में डोपामाइन नामक केमिकल रिलीज होता है, जिससे आपको खुशी महसूस होती है। यह प्रक्रिया बार-बार होती है, जिससे आपको इसकी लत लग जाती है।

एल्गोरिद्म आपको एक ऐसा फीड देता है, जिसमें आप कभी “एंड” तक नहीं पहुंचते। हर बार कुछ नया और रुचिकर कंटेंट दिखता है, जिससे आप स्क्रीन पर बने रहते हैं।

रील्स की लत से बचने के उपाय
टाइम लिमिट सेट करें

अपने फोन में सोशल मीडिया ऐप्स के लिए समय सीमा तय करें।
ब्रेक लें: लगातार वीडियो देखने के बजाय बीच-बीच में ब्रेक लें।

पसंदीदा कंटेंट चुनें

सिर्फ वही फॉलो करें, जो आपके लिए वास्तव में जरूरी और उपयोगी है।

नोटिफिकेशन बंद करें

नोटिफिकेशन से बचकर आप बिना वजह ऐप्स पर समय बिताने से बच सकते हैं।

 

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