हनोल: उत्तराखंड हाइकोर्ट सरकार द्वारा जौनसार बावर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री महासू देवता मंदिर हनोल में प्रस्तावित मास्टर प्लान को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इसके विकास की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मास्टर प्लान के तहत अवस्थापना सुविधाओं के विकास को शासन आदेश जारी होने से प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया जाना है।
महासू देवता को हिमाचल की सिरमौर घाटी और उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र के जनजाति क्षेत्र का कुल देवता माना जाता है। महासू चार भाई है जो कि आराध्य देवताओं के रूप में यहां पूजे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि महासू देव क्षेत्र में विस्थापित होने वाले लोगों में 20 परिवार मंदिर की जमीन पर बसे हुए हैं। इसके अलावा 6 ग्रामीण परिवारों की निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। सरकार ने महासू देवता मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि पर बसे प्रभावित परिवारों के लिए 10 लाख रुपए अनुग्रह राशि निर्धारित की है। इसके अलावा भूमिहीन पांच परिवारों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के मानकों के तहत आवासीय भवन निर्माण को भूमि दी जा रही है।
मास्टर प्लान के लागू होने से श्री महासू देवता मंदिर हनोल को देश दुनिया में नई पहचान मिलेगी। बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर हनोल मंदिर के मास्टर प्लान से तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। जिससे क्षेत्र में तीर्थाटन एवं पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मास्टर प्लान के धरातल पर उतरने से हनोल मंदिर क्षेत्र की कायापलट हो जाएगी।
क्षेत्र के लोग लंबे समय से महासू देवता मंदिर हनोल के मास्टर प्लान का इंतजार कर रहे थे। जिसे सरकार ने कुछ समय पहले मंजूरी प्रदान कर दी। समय के साथ महासू देवता मंदिर हनोल में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास की मांग जोर पकड़ रही है। क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने मास्टर प्लान को शासन से मंजूरी मिलने पर सरकार का आभार जताया। मास्टर प्लान के तहत ग्राम हनोल में मंदिर क्षेत्र के महासू देवता मंदिर की जमीन पर बसे 20 परिवारों को चिन्हित किया है। इसके अलावा 6 अन्य ग्रामीण परिवारों की 0.641 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण मास्टर प्लान के तहत अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए किया जाना है।
महासू देवता मंदिर की जमीन पर बसे प्रभावित परिवारों के लिए सरकार ने प्रति परिवार 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि स्वीकृत की है। इनमें से पांच भूमिहीन परिवारों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के मानकों के अनुसार सरकारी बंजर भूमि भवन निर्माण के लिए दी जा रही है। इसके अलावा छह स्थानीय ग्रामीण परिवारों की निजी भूमि का अधिग्रहण के जाने से पर्यटन विकास परिषद, महासू देवता मंदिर समिति हनोल व संबंधित भूमि स्वामी के बीच त्रिस्तरीय समझौता किया जाएगा। समझौते के अनुसार स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान रखा गया है। शासनादेश में इसका उल्लेख है।
कुछ लोग मास्टर प्लान के तहत महासू देवता मंदिर हनोल में प्रस्तावित विकास कार्यों में अड़चन डालने को दलगत राजनीति कर रहे हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र एवं प्रतीक महासू देवता मंदिर हनोल के मास्टर प्लान को लागू करने के लिए क्षेत्र के सभी लोगों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास की सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। जिससे महासू मंदिर हनोल को देश दुनिया में नई पहचान मिल सके।
2006 में पांच ग्रामीण परिवारों ने दी थी महासू मंदिर समिति को अपनी भूमि
जौनसार बावर के ग्राम हनोल स्थित श्री महासू देवता का मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा को स्थानीय निवासी एवं मंदिर की परंपरागत व्यवस्था से जुड़े गोरखनाथ राजगुरु, पूरनाथ राजगुरु, चंदराम राजगुरु, मायाराम डोभाल, बच्चन दास, टोनी आदि पांच ग्रामीण परिवारों ने श्री महासू देवता मंदिर प्रबंधन समिति हनोल को करीब आठ बीघा निजी भूमि देवता को भेंट की थी। मंदिर समिति को अपनी निजी भूमि देने वाले इन ग्रामीण परिवारों का तीर्थाटन विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन ग्रामीणों द्वारा मंदिर समिति को पूर्व में दी गई निजी भूमि पर पार्किंग स्थल का विकास, सराय का निर्माण, लंगर हॉल का निर्माण, शौचालय का निर्माण एवं अन्य विकास कार्य मंदिर समिति द्वारा किए गए हैं।
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