देशभर में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ लोगों के विरोध के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए वक्फ बोर्ड को भंग करने के लिए आदेश जारी किया है। इसके तहत सरकार ने शनिवार को वक्फ बोर्ड के गठन पर अपने पहले के आदेश को वापस लेते हुए जीओ 75 जारी किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने जीओ में कहा है कि बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक के बाद बोर्ड के लंबे समय तक काम नहीं करने को देखते इसे भंग करने का फैसला किया गया है। इसके मुताबिक, वक्फ बोर्ड के सीईओ ने इस बोर्ड की कार्य शून्यता को सरकार के समक्ष रखा था।
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कहा जा रहा है कि 21 अक्तूबर 2023 को शेख खाजा, मुतवल्ली, विधायक हफीज खान और एमएलसी रुहुल्लाह समेत 8 लोगों को प्रदेश वक्फ बोर्ड के सदस्य के तौर पर चुना गया था। बाद में हुआ ये कि आंतरिक कलह के चलते शेख खाजा और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए तत्कालीन सरकार के द्वारा जारी किए गए जीओ 47 की वैधता को कई रिट के माध्यम से आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दिया।
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इसके साथ ही अदालत ने फैसला सुनाया था कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। याचिकाओं के लंबित रहने तक वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बिना ही रहा। इस प्रशासनिक शून्यता को देखते हुए सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग करने का फैसला किया।
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