दुनियाभर से बांग्लादेश को हिन्दू दमन पर लानतें भेजी जा रही हैं, लेकिन वहां के बद्दिमाग कट्टरपंथी इस्लामवादी एजेंडे पर चले हुए पशुता की सीमाएं लांघ चुके हैं। तसल्ली की बात सिर्फ इतनी है कि संकट के इस काल में वहां के हिन्दुओं ने गजब की एकजुटता दिखाई है और वे सड़कों पर उतरकर यूनुस सरकार के दमनकारी कारनामों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं।
पड़ोसी इस्लामी जिन्ना के देश के कथित पिट्ठू बनते जा रहे बांग्लादेश की सरकार और वहां के बहुसंख्यक मजहबियों ने सभ्य जगत के सारे कायदों को ठेंगा दिखाने की ठानी हुई है। हिन्दुओं को लगातार इस्लामी कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं। हिन्दुओं के घरो, दुकानों को जला रहे हैं। कल जुमे ने उन्हें एक बार फिर मौका दिया इकट्ठे होकर गैर मजहबियों पर टूट पड़ने का। चटगांव के पुलिस थाने के बगल में ही मस्जिद से निकली मजहबी उन्मादियों की भीड़ ने आग लगा दी। वहां हिन्दुओं ने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने का कदम उठाया है।
एक और हैरान करने वाली चीज ढाका के एक विश्विविद्यालय से पता चली है। वहां की इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी यूनिवर्सिटी के कट्टरपंथी छात्रों और शिक्षकों की भारत के प्रति नफरत इस हद तक जा पहुंची है कि उन्होंने मुख्य द्वार पर तिरंगा बना दिया है। आने—जाने वाले उस पर पैर रखकर गुजर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस फोटो को साझा करते हुए भारत के अनेक यूजर्स ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है और भारत सरकार से इस पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। एक्स और इंस्टाग्राम पर अपना गुस्सा दर्शाते हुए लोगों, खासकर युवाओं ने लिखा है कि इस प्रकार की हरकत अक्षम्य है और इस पर तुरंत कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।
भारत और हिन्दुओं से नफरत का प्रदर्शन करने का यह तरीका कनाडा में हाल में खालिस्तानियों द्वारा किए ओछे कृत्यों की याद दिला गया। यानी खालिस्तानी और मजहबी उन्मादी दोनों भारत और हिन्दुओं से नफरत दिखाने के जो तरीके प्रयोग कर रहे हैं उनसे भी साफ लगता है कि दोनों प्रकार के तत्वों का संचालन भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान से हो रहा है।
इस बीच बांग्लादेश से एक और आहत करने वाली खबर आई है कि इस्कॉन के साधु चिन्मय दास के बाद एक अन्य साधु श्याम दास को भी यूनुस की पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल में डाला है। इस्कॉन के बैंक खाते सील कर दिए गए हैं। यूनुस की अदालत में इतनी हिम्मत नहीं दिखती कि फर्जी आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किए जा हिन्दू साधुओं को रिहा करने का फैसला सुनाए।
एक्स हैंडल पर एक यूजर कविता मिश्रा ने सीधे भारत सरकार से इस मामले में दखल देने की विनती की है। कविता ने लिखा है— #बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के गेट पर भारतीय झंडा रंगा गया। यह सीधे तौर पर भारत का अपमान है हमारे तिरंगे का अपमान है
@PMOIndia @myogiadityanath
कृपया संज्ञान लें 🙏
दुनियाभर से बांग्लादेश को हिन्दू दमन पर लानतें भेजी जा रही हैं, लेकिन वहां के बद्दिमाग कट्टरपंथी इस्लामवादी एजेंडे पर चले हुए पशुता की सीमाएं लांघ चुके हैं। तसल्ली की बात सिर्फ इतनी है कि संकट के इस काल में वहां के हिन्दुओं ने गजब की एकजुटता दिखाई है और वे सड़कों पर उतरकर यूनुस सरकार के दमनकारी कारनामों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं।
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