कालसी ( देहरादून) जमुना घाट हरिपुर को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में पुनः स्थापित करने के सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद से शुरू किए गए जमुना घाट के निर्माण की रफ़्तार जोर नहीं पकड़ पा रही है। बताया जा रहा है कि घाट पर काम कर रहे ठेकेदार को यमुना का पानी मोड़ने की अनुमति नहीं मिल रही है। पहले कहा जा रहा था कि बरसात के मौसम में पानी अधिक होने के कारण अनुमति नहीं दी जा रही है, लेकिन अब बरसात का मौसम खत्म होने के बाद भी यह अनुमति अटकी हुई है। जबकि यमुना में खनन ठेकेदारों द्वारा खनन कार्य सामान्य रूप से जारी है।
उल्लेखनीय है कि हरिपुर जमुना घाट कभी बहुत बड़ा तीर्थ स्थल हुआ करता था जो कभी प्रलयकारी बाढ़ में बह गया।इस तीर्थ स्थल को पुनः स्थापित किए जाने का संकल्प सीएम धामी ने लिया और यहां भव्य घाट बनाने के लिए शिलान्यास कार्यक्रम भी भव्यता के साथ किया था। इस घाट के निर्माण के लिए एम डी डी ए ही कार्यदायी संस्था है और उसके द्वारा ही सीएम धामी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की देखरेख की जा रही है।
हरिपुर कालसी ऐसे धार्मिक स्थल है जिनका संबंध कृष्ण कालखंड के साथ साथ सम्राट अशोक द्वारा स्थापित शिलालेख और गुरु गोबिंद सिंह के युद्ध प्रशिक्षण से भी रहा है। यहां का सदियों पुराना अश्वमेध यज्ञ स्थल भी एएसआई की निगरानी में है।
सीएम पुष्कर धामी का बयान
हमारी सरकार हरिपुर जमुना घाट को एक धाम के रूप में विकसित किए जाने के लिए वचनबद्ध है, ये हमारी घोषणा सूची में दर्ज है, घाटवक काम शीघ्र पूरा हो इसके लिए जल्द ही हम समीक्षा बैठक करेंगे।
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