नई दिल्ली । आज (26 नवंबर 2024) को पूरे देश में संविधान दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना समेत देश की शीर्ष विधायिका और न्यायपालिका के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र का पथप्रदर्शक बताया। उन्होंने कहा- “संविधान ने हर मुश्किल घड़ी में देश को उचित मार्ग दिखाया है। यह हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है”
मुंबई आतंकी हमले की बरसी पर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस के साथ 26/11 मुंबई आतंकी हमले की बरसी का उल्लेख करते हुए कहा, “आज का दिन लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है। लेकिन यह वही दिन भी है जब हमारे लोकतंत्र पर हमला हुआ था। इस हमले में जान गंवाने वालों को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं”
विकास कार्यों का किया उल्लेख
पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाया है। उन्होंने कहा- “53 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए। 4 करोड़ भारतीयों को पक्के मकान मिले।10 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला। आधुनिक तकनीकों जैसे 5जी कनेक्टिविटी और ड्रोन मैपिंग से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि, “संविधान में श्री राम, सीता, गुरु गोविंद और गौतम बुद्ध जैसे प्रतीक हैं, जो मानवीय मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम इन्हीं मूल्यों को आधार बनाकर काम कर रहे हैं”
संविधान की पारदर्शिता और न्यायपालिका की भूमिका पर CJI ने डाली रोशनी
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने संबोधित करते हुए कहा कि “संविधान की ताकत इसकी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक संरचना में निहित है। संविधान न्यायालयों को न्यायिक समीक्षा का अधिकार देता है। यह हमें जनता के हित में फैसले लेने और स्वत: संज्ञान लेने की अनुमति देता है।” CJI ने न्यायपालिका की जवाबदेही पर भी जोर दिया और इसे संविधान का एक अहम पहलू बताया।
CJI ने भेंट की पीएम मोदी को पेंटिंग
कार्यक्रम में एक अनोखा पल तब आया जब CJI ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खूबसूरत पेंटिंग भेंट की। यह पेंटिंग तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी द्वारा बनाई गई थी। प्रधानमंत्री ने पेंटिंग को गहराई से निहारते हुए इसे स्वीकार किया।
संविधान दिवस का महत्व
बता दें कि भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में 26 नवंबर को हर वर्ष “संविधान दिवस” के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी। इस वर्ष यह दिवस संविधान अंगीकार की 75वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया गया। इसी उपलक्ष्य में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए संविधान के महत्व और इसकी विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे देश की प्रगति का आधार बताया।
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