उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कथित जामा मस्जिद के सर्वे के दिन जिस प्रकार से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंसा, पत्थरबाजी और आगजनी की उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की उन्मादी भीड़ सभी को निगल जाने के लिए उतावली थी। भीड़ में से कट्टरपंथी बकायदा नाम लेकर चिल्ला रहे थे कि हसन, अजीम, सलीम, रिहान, हैदर, वसीम, अयान सभी मिलकर इन पुलिसवालों से इनके हथियार छीन लो और इन्हें आग में जलाकर मार दो। इस बात का खुलासा पुलिस ने अपनी एफआईआर रिपोर्ट में किया है।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर खुलासा किया गया है कि कट्टरपंथी चीख-चीख कर कह रहे थे कि कोई भी पुलिस वाला बचना नहीं चाहिए। हम किसी भी कीमत पर मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे। पुलिस का दावा है कि सोची समझी साजिश के तहत ये हिंसा की गई थी। हिंसा के दौरान उन्मादी भीड़ ने हत्या की कोशिश करते हुए पुलिस पर गोलियां चलाई। साथ ही पुलिस की 9 एमएम पिस्टल भी छीन ले गए। पिस्टल में 10 राउंड गोलियां थीं। दंगाई की प्लानिंग को इस तरह से समझा जा सकता है कि हिंसा से पहले उन्होंने सभी सीसीटीवी को भी बंद कर दिया था, ताकि उनकी हरकतें पकड़ी न जा सकें।
पुलिस द्वारा दर्ज एफाआईआर के मुताबिक, संभल के नखासा चौक पर करीब 150-200 दंगाई इकट्ठा हुए। उन्होंने सभी सीसीटीवी को पहले तोड़ दिया। इसके बाद अचानक से इनके हाथ में हॉकी, डंडे और पत्थर आ गए और इन्होंने पुलिस पर हमले कर दिए। पुलिस का दावा है कि दंगाइयों की कुल भीड़ करीब 800-1000 के आसपास थी।
इस बीच संभल की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने साजिश की तरफ इशारा किया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से दंगाइयों ने सीधे तौर पर पुलिस पर हमले किए, उससे सुनियोजित साजिश की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल, हर पहलू को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि संभल हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। दर्जनभर से अधिक पुलिसवाले घायल हो गए थे।
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