भारत के जम्मू कश्मीर के उस कब्जाए हिस्से के लोग खुद भी पाकिस्तान सरकार की धूर्तता से परेशान हैं। उनका साफ कहना है कि ऐतिहासिक रूप से वे पाकिस्तान के हिस्से में नहीं हैं, पाकिस्तान ने उन पर जबरन कब्जा किया हुआ है। जिन्ना का देश भी जानता है कि उसका भारत के उस अधिकृत हिस्से पर जबरन कब्जा है।
भारत का पड़ोसी जिन्ना का जिहादी देश चौतरफा मुसीबतों से घिरा है तिस पर वहां के मंत्री शायद बौखलाहट में अनाप—शनाप बयान दे रहे हैं। शाहबाज सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाला ताजा बयान पाकिस्तान के गृहमंत्री ने दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर यानी पीओजेके के लोगा पाकिस्तानी नहीं हैं, वे तो आतंकवादी हैं। खैबर पख्तूनख्वा में मची हिंसक उथलपुथल के बीच आए इस बयान पर पाकिस्तानी गृहमंत्री मोहसिन नकवी सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से के निशाने पर आ गए हैं।
भारत के जम्मू कश्मीर के उस कब्जाए हिस्से के लोग खुद भी पाकिस्तान सरकार की धूर्तता से परेशान हैं। उनका साफ कहना है कि ऐतिहासिक रूप से वे पाकिस्तान के हिस्से में नहीं हैं, पाकिस्तान ने उन पर जबरन कब्जा किया हुआ है। जिन्ना का देश भी जानता है कि उसका भारत के उस अधिकृत हिस्से पर जबरन कब्जा है। लेकिन वह इस सच से कन्नी काटता रहा है। बहरहाल गृहमंत्री नकवी की जबान ने सच उगल दिया और पीओजेके को पाकिस्तान का हिस्सा मानने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, वहां जिस प्रकार के आंदोलन चल रहे हैं उसके देखते हुए वहां के लोगों को ‘आतंकवादी’ तक करार दे दिया।
पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री की जबान से निकला सच आखिरकार दुनिया के आगे उजागर हो ही गया है। गृहमंत्री नकवी ने स्वयं माना है कि पीओजेके वाले पाकिस्तान के नागरिक नहीं हैं। नकवी नहीं जानते थे कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर उनकी जबान का फिसलना लोग कैसे लेंगे। यही वजह से है कि सोशल मीडिया पर पाकिस्तानियों का गुस्सा उफन रहा है।
जम्मू कश्मीर पर जिन्ना के देश का गत 70 से ज्यादा साल से फर्जी रोना रोता आ रहा है। लेकिन जो सच है वह तो सामने आना ही है। गृहमंत्री नकवी ने अपनी समझ से झूठ नहीं बोला है। लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें लानतें भेजी जा रही हैं।
ऐसी ही कुछ प्रतिक्रियाएं जानना दिलचस्प होगा। पीओजेके का एक व्यक्ति लिखता है, ‘तो सच दुनिया के सामने उजागर हो ही गया, यूं भी जम्मू कश्मीर का यह हिस्सा भारत का ही हिस्सा है, पाकिस्तान ने तो इस इलाको को जबरदस्ती कब्जाया हुआ है।’
ये वहां के पत्रकार इमरान रियाज थे जिन्होंने सबसे पहले गृहमंत्री नकवी का बयान सबके सामने उजागर किया। उनके हिसाब से गृहमंत्री नकवी वे हैं जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के पीओजेके से इस्लामाबाद कूच करने की खबर पाकर सड़कें खोद डालीं जिससे वे इस्लामाबाद पहुंच ही न पाएं। इतना ही नहीं, पीओजेके वालों को गृहमंत्री आतंकवादी बताते हैं।
शाहनवाज सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी राजधानी इस्लामाबाद जंग का मैदान बन गई है। सुरक्षा बल पीटीआई समर्थकों को शहर में दाखिल होने से रोकने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं तो प्रदर्शनकारी किसी भी तरह इस्लामाबाद को जड़ करने का प्रण किए हुए हैं। हिंसा हो रही है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। पीटीआई के लोगों ने इमरान की पत्नी बुशरा बीवी के नेतृत्व में कसम खाई हुई है कि इमरान को जेल से छुड़ाए बिना वहां से नहीं लौटेंगे।
हजारों की तादाद में पीटीआई समर्थक सुरक्षा बलों से भिड़े हुए हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, सड़कें बंद हैं। पीटीआई के ये अधिकांश समर्थक पीओजेके से आए हैं। ये लोग पाकिस्तानी सरकारों के विरुद्ध पहले भी बड़े प्रदर्शन कर चुके हैं। जैसे अक्तूबर 2023 में भी पीओजेके के लोग पाकिस्तान से आजादी की मांग पर सड़कों पर उतरे थे। वे पाकिस्तान सरकार के उनके प्रति बरते जा रहे सौतेले बर्ताव से खिन्न हैं। पाकिस्तान ऐतिहासिक रूप से उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक मानता है। इसलिए अब वहां के लोग तय कर चुके हैं कि अब और पाकिस्तान के शासन तले नहीं रहना है। पीओजेके के लोग चाहते हैं कश्मीर का यह हिस्सा भी भारत में जुड़कर उसे अखंड बनाए।
जिन्ना के देश के नेता पीओजेके की बात आते ही जैसे चिढ़ जाते हैं। नकवी की बात शायद अनजाने ही उनके मुंह से निकली पर असलियत यही है कि वहां के लोग सरकार के लिए ‘दहशतगर्द’ हैं जिनके लिए इस्लामाबाद बुनियादी सुविधाएं तक देने की तकलीफ नहीं उठाना चाहता।
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