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संसद का शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ा, पहले एक घंटे और अब 27 नवंबर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित

Published by
Kuldeep singh

संसद का शीतकालीन सत्र आज (25 नवंबर) से शुरू हुआ, लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही यह विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने संभल में मारे गए मुस्लिम उपद्रवियों के लिए कथित न्याय की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। राहुल गांधी ने तो अडानी को लेकर हंगामा खड़ा करने की कोशिशें की। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा को पहले एक घंटे और फिर 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

संसदीय प्रक्रिया को नजरअंदाज करते हुए विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा करने पर अड़ा हुआ था। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे के चलते सदन को ही स्थगित कर दिया।

शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने हैं 16 बिल

गौरतलब है कि 20 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र को 20 दिसंबर तक चलना है, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि बिलों को पास कराने में सरकार को खासी मशक्कत करने पड़ेगी। सरकार के पास 25 दिनों का समय शेष है और इतने ही दिनों में 16 विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाना है।

जिन बिलों सदन में पेश किया जाना है उनमें

संसद के सत्र के दौरान 16 विधेयक पेश किए जाने हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, भारतीय वायुयान विधेयक, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, समुद्री मार्ग से माल ढुलाई विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक, बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक और तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, बॉयलर्स बिल, राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय बिल, पंजाब न्यायालय (संशोधन) बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, तटीय शिपिंग बिल और भारतीय बंदरगाह बिल सूची में शामिल हैं।

 

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