उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा के मामले ने बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक मोड़ ले लिया है। पुलिस ने इस मामले में कड़ा कदम उठाते हुए संभल के सांसद जिआउर्रहमान बर्क, सदर विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और तीन अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। इन सभी पर दंगे को उकसाने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।
क्या है मामला?
संभल जिले में बीते दिनों हुई हिंसा ने जिले में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। दंगे के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 21 लोगों को हिरासत में लिया और 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। बताया जा रहा है कि यह हिंसा योजनाबद्ध थी और इसे भड़काने में कुछ स्थानीय नेताओं का भी हाथ था।
प्रशासन का सख्त रुख
पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में कड़ा सुरक्षा घेरा बना दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में रातभर पैदल गश्त की गई। आगजनी और पथराव वाले क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। डीआईजी मुनिराज ने सोमवार सुबह फ्लैग मार्च कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
डीएम के आदेश पर जिले में स्कूल और कॉलेज बंद रहे, जिससे बच्चे और अभिभावक सुरक्षित महसूस कर सकें। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा, और लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सांसद जिआउर्रहमान बर्क पर पहले भी विवादास्पद बयान देने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि यह FIR राजनीति से प्रेरित है और उन्हें फंसाने की साजिश है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। हिंसा से जुड़े हर पहलू की पड़ताल की जा रही है। संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और स्थानीय खुफिया नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है।
जिले में अब क्या स्थिति है?
हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सोशल मीडिया पर भी अफवाहों पर नजर रखी जा रही है।
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