उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाओं को धोखाधड़ी और प्रताड़ना का शिकार बनाने के दो गंभीर मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर भी गंभीर चिंताएं पैदा की हैं।
मुंबई की एक हिंदू महिला ने पीजीआई थाने में वृंदावन कॉलोनी निवासी इरफान अंसारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। महिला का कहना है कि उसने अपने बेटे के स्पीच थेरेपी के लिए इरफान से संपर्क किया था। इरफान पीजीआई में स्पीच थेरेपिस्ट के रूप में काम करता था।
जनवरी 2024 में, महिला अपने 8 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए लखनऊ आई थी। कुछ दिनों में, इरफान ने मदद के बहाने महिला से दोस्ती की और धीरे-धीरे उसे अपने जाल में फंसा लिया। आठ महीने पहले इरफान ने महिला को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया और मुंबई के बांद्रा में निकाह कर लिया। इसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज भी की।
शिकायत के अनुसार, 14 नवंबर को इरफान अचानक महिला और उसके बेटे को छोड़कर फरार हो गया। बाद में जब महिला ने इरफान से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसने उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी इरफान फिलहाल फरार है और उसकी तलाश के लिए सर्विलांस टीम का सहारा लिया जा रहा है। लखनऊ के सरोजनीनगर थाने में 55 वर्षीय महिला ने अपने डॉक्टर पति, उसकी पहली पत्नी और चार अन्य के खिलाफ तीन तलाक समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया है।
पीड़िता ने बताया कि 1998 में उसकी शादी एक डॉक्टर से हुई थी, जिसने खुद को अविवाहित बताया था। शादी के बाद पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है। इसके बावजूद, वह 26 साल तक प्रताड़ना झेलती रही।
हाल ही में, पति ने विरासत में मिले मकान को अपने नाम करने के लिए महिला पर दबाव बनाया। जब उसने इंकार किया, तो पति ने उसकी गला घोंटकर हत्या करने की कोशिश की और फिर उसे तीन तलाक दे दिया। महिला का आरोप है कि उसके पति ने संपत्ति के लिए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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