मणिपुर के जिरिबाम जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। कुकी उग्रवादियों ने एक परिवार के छह सदस्यों का अपहरण कर उनके साथ ऐसी बर्बरता की, जिसे सुनकर दिल दहल जाए। हाल ही में असम सीमा के पास बराक नदी के तट पर मिले शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस त्रासदी की भयावह सच्चाई को उजागर किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, तीन साल के बच्चे को बेरहमी से मारा गया। उसके सिर और चेहरे पर गोली मारी गई थी। इतना ही नहीं, उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। इंसानियत को शर्मसार करती इस घटना में मासूम की जान लेने का तरीका ऐसा था, जिसे सुनकर कोई भी सिहर उठे।
मासूम की मां और दादी के शव भी बराक नदी के किनारे पाए गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मां की छाती और पीठ पर गोलियां मारी गईं थीं, जबकि दादी के सिर, पेट, और छाती पर भी गोलियों के निशान थे। दादी की खोपड़ी पर चोट के गंभीर निशान पाए गए।
शवों के साथ एक आठ महीने के नवजात का शव भी मिला, जिसकी दाहिनी आंख गायब थी। नवजात के शरीर पर गोली के निशान थे और आंतरिक अंग सड़ने लगे थे। आठ वर्षीय बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन घटनास्थल पर मिले सबूत यह बताते हैं कि उसके साथ भी क्रूरता की गई होगी।
यह घटना 11 नवंबर को तब शुरू हुई, जब कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम शिविर से इस परिवार के छह सदस्यों का अपहरण कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, उग्रवादियों ने इस बर्बरता के अलावा दो अन्य लोगों को भी जिंदा जलाकर मार डाला।
इस घटना के बाद सुरक्षा बल तुरंत हरकत में आए। मुठभेड़ में 10 आतंकवादियों को मार गिराया गया। हालांकि, इस बर्बर घटना ने देशभर में आक्रोश और शोक की लहर पैदा कर दी है।
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