उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर पथराव और आगजनी की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया। रविवार सुबह हुए इस हंगामे में भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव कर स्थिति को बेकाबू कर दिया। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
रविवार सुबह करीब 6:30 बजे डीएम और एसपी के नेतृत्व में एक सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा था, जिसमें मस्जिद के ऐतिहासिक और धार्मिक दावों की जांच होनी थी। लेकिन जैसे ही सर्वे शुरू हुआ, मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
कुछ ही देर में भीड़ उग्र हो गई और सर्वे टीम के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई सरकारी और निजी वाहन जला दिए गए। डीएम और एसपी मौके पर मौजूद हैं, जबकि मुरादाबाद से डीआईजी मुनिराज जी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचकर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया।
यह सर्वे स्थानीय कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा था। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर है। कोर्ट ने इस दावे पर सुनवाई करते हुए मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा। सर्वे की रिपोर्ट 26 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी, और मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “जो लोग कानून हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। यदि किसी को कोर्ट के आदेश पर आपत्ति है, तो उच्च न्यायालय में अपील करें।”
वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ है। हमने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाई है। अब रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि कानून का पालन करें और इसे अपने हाथ में न लें।”
फिलहाल संभल में स्थिति नियंत्रण से बाहर है। पुलिस लगातार भीड़ से घर लौटने की अपील कर रही है। हालांकि, पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं रुक-रुक कर हो रही हैं। प्रशासन स्थिति को सामान्य करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है।
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