संसद का शीतकालीन सत्र कल यानि कि सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक-2024 समेत अन्य महत्वपूर्ण विधेयक संसद की पटल पर पेश किए जा सकते हैं। सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में महायुति की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ बोर्ड की मनमानियों का जिक्र करते हुए कहा कि ये कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा- “संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई स्थान नहीं है, इसे केवल वोट बैंक बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया। सच्ची पंथनिरपेक्षता को कांग्रेस ने मृत्युदंड देने की कोशिश की है।”
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा प्रदत्त संविधान में वक्फ बोर्ड कानून का कोई जिक्र ही नहीं है। ये तो कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था बनाई ताकि उसके शाही परिवार का वोट बैंक बढ़ सके। एक प्रकार से संविधान की सच्ची पंथ निरपेक्षता को कांग्रेस ने मृत्युदंड देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस द्वारा वक्फ बोर्ड को दी गई असीमित शक्तियों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते वक्फ बोर्ड को दिल्ली की कई संपत्तियां सौंप दी।
गौरतलब है कि इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी नागपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 25 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वक्फ संसोधन अधिनियम-2024 भी पेश किया जाएगा। उन्होंने भी बताया कि पिछले सदन के दौरान भी उन्होंने ने ही इस बिल को संसद की पटल पर रखा था। राजनीति के जानकारों का कहना है कि जिस प्रकार से देश में वक्फ बोर्ड देश में संपत्तियों पर मनमाना अधिकार जमाता जा रहा है, उससे वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर लगाम लगाना आवश्यक हो गया है।
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