लखनऊ । उप्र की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझानों ने भाजपा को खुश कर दिया। इस उपचुनाव में दो सीटें सपा ने गवां दी। 62 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वे कुंदरकी विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर भाजपा ने सबको चौंका दिया। वहीं इस उपचुनाव ने भाजपा के साथ ही सपा के सहयोगी कांग्रेस को भी खुश कर दिया है।
इसका कारण है कि समाजवादी पार्टी की हार के बाद आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मोलभाव करने में सुविधा होगी। वह अब यह कह सकेगी कि सपा अकेले दम पर उप्र में जीत का परचम नहीं लहरा सकती। इस चुनाव में सपा कांग्रेस को दो सीटें दे रही थी लेकिन अपने हिसाब से, इस कारण कांग्रेस ने चुनाव न लड़ना ही उपयुक्त समझा। उसने सपा का समर्थन किया। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय ही रहे।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के पदाधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन एक पदाधिकारी ने कहा कि इस चुनाव से मुसलमानों ने किनारा किया। इससे यह बात सिद्ध हो गयी कि मुसलमान सपा के साथ नहीं, कांग्रेस के साथ हैं। इंडिया गठबंधन के लिए कहीं भी मुसलमानों का वोट बैंक ही सरप्लस है। उनको नजरअंदाज कर इंडिया गठबंधन की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि इस चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। सपा में निराशा आएगी। उप्र कांग्रेस के पदाधिकारियों में उत्साह पहले से ज्यादा दिखेगा। उनके 2027 के मुहिम के लिए अच्छा रहेगा। सपा में कांग्रेस कद भी बढ़ेगा।
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