वक्फ बोर्ड की मनमानियों को देखते हुए देशभर में सनातन धर्म बोर्ड बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पवन कल्याण समेत कई लोगों के बाद अब पहली ट्रांसजेंडर भगवद कथावाचक महामंडलेश्वर स्वामी हिमांगी सखी मां ने जल्द से जल्द सनातन धर्म बोर्ड का गठन करने की मांग की है।
हिमांगी सखी मां ने सरकार से अपनी मांग करते हुए कहा कि सनातन धर्म बोर्ड का गठन बहुत वक्त पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन सरकारों की मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने सवाल किया कि जब मुस्लिम समुदाय के लिए वक्फ बोर्ड गठित हो सकता है तो फिर हिन्दुओं के लिए सनातन बोर्ड क्यों नहीं। हिन्दू संत का मानना है कि अगर सनातन धर्म बोर्ड का गठन हो गया तो यह मठ, मंदिरों की सुरक्षा करेगा।
इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी ऐलान किया कि किन्नर समाज के लोग लंबे वक्त से सनातन धर्म बोर्ड के गठन की मांग कर रहे हैं। जैसे ही सरकार इसका गठन करती है, किन्नर समाज के सभी लोग तुरंत इसका हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि केरल में हिन्दुओं के कन्वर्जन के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए 25 से वो प्रदेश में एंटी कन्वर्जन अभियान चलाने जा रही हैं। हिमांगी सखी का कहना है कि दुनिया में जितने भी मत और मजहब हैं, उनमें सनातन ही धर्म है, जो सबसे पुराना है। सनातन धर्म के अनुयायियों के कन्वर्जन को रोकने के लिए आगे आने की आवश्यकता है।
हिमांगी सखी कहती हैं कि ईसाइयों को कन्वर्जन नहीं करने देंगे, उन्हें हम वापस भेजेंगे। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें लिखा है धर्मों रक्षति रक्षित:यानि कि अगर हम अपने धर्म की रक्षा करते हैं तो धर्म भी हमारी रक्षा करता है। गौरतलब है कि हिमांगी सखी मां पांच भाषाओं में भगवद गीता की कथा का वाचन करती हैं।
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