कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की गलत नीतियों और उनके खालिस्तान प्रेम के चलते देश के बुरे हाल हैं। जनता ट्रूडो की नीतियों का विरोध कर रही है। खालिस्तानियों ने जब कनाडाई मूल निवासियों को कनाडा छोड़कर यूरोप, ब्रिटेन जाने को कहा, तब जाकर ट्रूडो ने इस बात को माना कि उनसे गलती हुई है। लेकिन, सब के बाद भी वो सीख लेने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच कनाडा के लिए एक और बुरी खबर है, वो ये कि देश में बाल और पारिवारिक गरीबी तेजी से बढ़ी है।
स्थानीय समाचार द स्टार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा में 2021-22 तक देश में बाल गरीबी 2.5 प्रतिशत बढ़ गई है। यानि कि 195,170 भी गरीब में जुड़ गए हैं। इसी के साथ बाल गरीबी कनाडा में 18.1 फीसदी पर पहुंच गई है। एक नई राष्ट्रीय रिपोर्ट ‘बाल गरीबी का खात्मा: यही समय है’ के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है कि देश में वर्ष 2022 में 1.4 मिलियन बच्चे गरीबी और मुफलिसी में अपना जीवन जीने के लिए मजबूर थे। ये रिपोर्ट बाल और परिवार गरीबी को समाप्त करने के लिए काम करने वाले कई संगठनों के नेटवर्क ‘मिशन-2000’ की है। ये संगठन वर्ष 1991 से लगातार वार्षिक तौर पर देश में बाल गरीबी पर रिसर्च पब्लिश करता आय़ा है।
टोरंटो फैमिली सर्विस की सीनियर डायरेक्टर और इस मिशन की राष्ट्रीय निदेशक लीला सारंगी कहती हैं कि गरीबी पर नजर रखने वाले हम लोग तेजी से बढ़ रही बाल गरीबी से हैरान हैं। ये स्थिति देश के प्रत्येक प्रांत और शहरों की है। 2015 के बाद ऐसा पहली बार है कि 2021 में दोगुनी रफ्तार से बाल गरीबी बढ़ी है, लेकिन सबसे अधिक हैरानी की बात ये रही कि 2022 में यह और तेज हो गई। खास बात ये कि बाल गरीबी के मामले में ओंटारियो पहले स्थान पर है,जहां गरीबी की दर 3.5 प्रतिशत पर है।
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इन हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए हुए कनाडा चिल्ड्रेन फर्स्ट की संस्थापक और सीईओ सारा ऑस्टिन बताती हैं कि हमारे बच्चे बहुत ही तेजी के साथ पिछड़ रहे हैं। इस बीच जस्टिन ट्रूडो पर ये आरोप लग रहे हैं कि उनके खालिस्तान तुष्टिकरण के कारण कनाडा की लगातार दुर्गति होती जा रही है।
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