वक्फ बोर्ड की मनमानियां लगातार जारी हैं। केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु हो या हो मध्य प्रदेश। हर जगह वक्फ बोर्ड जमीनों पर मनमाने तरीके से कब्जे करता जा रहा है। ऐसा ही एक और मामला मध्य प्रदेश के देवास से प्रकाश में आया है, जहां वक्फ बोर्ड ने ईसाइयों के कब्रिस्तान पर अपना दावा ठोंक दिया है। आरोप है कि वक्फ बोर्ड ने कब्रिस्तान को अपनी संपत्ति के तौर पर दर्ज कर लिया है।
ईसाई समाज के लोगों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ शिकायत की है। कहा जा रहा है कि शहर के स्टेशन रोड स्थित कब्रिस्तान को लेकर ईसाई समाज के विजय गुप्ता बताते हैं कि देवास जूनियर में मुस्लिमों का कब्रिस्तान है, जो कि पहले से ही वक्फ प्रॉपर्टी के तौर पर दर्ज है। उसी कब्रिस्तान के पास सर्वे नंबर 83 है, जो कि ईसाइयों का कब्रिस्तान है, राजस्व के आंकड़ों में भी ये ईसाई समाज का है। वक्फ बोर्ड के खिलाफ की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है उसने इस जमीन को अपने नाम पर कर लिया है, उसके खिलाफ द ग्रेस चर्च ने वक्फ बोर्ड के सीईओ को शिकायत की है।
हालांकि, ईसाई समुदाय के आरोपों के उलट वक्फ बोर्ड अपने ऊपर जमीन हथियाने के आरोपों से इंकार कर रहा है। उसका कहना है कि ईसाइयों का सर्वे नंबर अलग है और वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले कब्रिस्तान का सर्वे नंबर अलग है। वक्फ बोर्ड कमेटी के प्रतिनिधियों का कहना है कि उनके खिलाफ भ्रामक आरोप लगाए गए हैं। वक्फ के कब्रिस्तान कमेटी के सचिव शाकीर मंसूरी का कहना है कि स्टेशन रोड में ईसाइयों और मुस्लिमों के कब्रिस्तान हैं, लेकिन दोनों के ही सर्वे नंबर अलग हैं।
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उल्लेखनीय है कि वक्फ बोर्ड का कहना है कि उनका कब्रिस्तान सर्वे नंबर 83, 84, 85 पर है, जबकि ईसाइयों का कब्रिस्तान 82 नंबर पर है। हालांकि, ईसाई समाज ये कहता है कि सर्वे नंबर 83 पर उसका कब्रिस्तान है, जिसे वक्फ बोर्ड ने अपने नाम कर लिया है।
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