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खालिस्तानियों का नया अड्डा बना न्यूजीलैंड, भारत विरोधी साजिशों का ठिकाना

कनाडा के साथ लंबे समय से चले आ रहे खालिस्तान मुद्दे पर विवाद के बाद अब खालिस्तानी अलगाववादी न्यूजीलैंड को अपने नए अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं।

by Mahak Singh
Nov 18, 2024, 05:09 pm IST
in भारत
न्यूजीलैंड बना खालिस्तानियों का नया ठिकाना

न्यूजीलैंड बना खालिस्तानियों का नया ठिकाना

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कनाडा के साथ लंबे समय से चले आ रहे खालिस्तान मुद्दे पर विवाद के बाद अब खालिस्तानी अलगाववादी न्यूजीलैंड को अपने नए अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं। भारत के खिलाफ साजिशें रचने और जनमत संग्रह के नाम पर अलगाववादी एजेंडा फैलाने का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन रहा है।

न्यूजीलैंड में 17 नवंबर को प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने खालिस्तान जनमत संग्रह का आयोजन किया। इस आयोजन के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने झंडे लहराए और भारत विरोधी नारे लगाए। यह घटना न केवल भारत के लिए बल्कि न्यूजीलैंड के लिए भी एक गंभीर मुद्दा बन गई है। न्यूजीलैंड के नागरिक इस तरह की गतिविधियों को अपने देश की शांति और सौहार्द के खिलाफ मानते हुए विरोध जता रहे हैं।

न्यूजीलैंड के नागरिकों का विरोध

जहां खालिस्तानी समर्थक भारत विरोधी एजेंडा चला रहे थे, वहीं एक न्यूजीलैंड के युवा ने साहस दिखाते हुए इसका विरोध किया। माइक लेकर खालिस्तानियों के खिलाफ नारे लगाने वाले इस युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उसने खालिस्तानियों को देश छोड़ने की चुनौती देते हुए कहा, “आप सोचते हैं कि आप यहां आकर अपना एजेंडा चलाएंगे, तो ऐसा नहीं हो सकता।”

इस प्रतिक्रिया ने न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतीय समुदाय और अन्य नागरिकों को भी जागरूक किया है, जो अब इस मुद्दे को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं।

भारत सरकार इस स्थिति पर गंभीर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष विंस्टन पीटर्स से इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं। जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि खालिस्तानियों को किसी भी देश में मंच देना वहां की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। यह घटना ऑस्ट्रेलिया में आयोजित रायसीना सम्मेलन के दौरान भी चर्चा का विषय बनी, जहां भारत ने अपने हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की।

खालिस्तानियों की गतिविधियों का बढ़ता दायरा

कनाडा से शुरू हुआ खालिस्तानी अलगाववाद अब न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, और यूके जैसे देशों तक फैल चुका है। यह संगठन जनमत संग्रह के नाम पर न केवल भारत के खिलाफ झूठे दावे कर रहे हैं, बल्कि इन देशों की शांति को भी भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। न्यूजीलैंड जैसे शांतिप्रिय देश में इस तरह की गतिविधियां न केवल भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के बीच भी दरार पैदा कर सकती हैं।

खालिस्तान जनमत संग्रह की आंच भारत तक पहुंचना तय है। भारत सरकार पहले ही इन गतिविधियों को रोकने के लिए कई कूटनीतिक कदम उठा चुकी है। न्यूजीलैंड में जनमत संग्रह का मामला अब एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है, और भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की तैयारी कर रहा है।

Topics: canadaखालिस्तानीIndia Newsविदेश मंत्री एस जयशंकरNew ZealandHardeep Singh Nijjarखालिस्तानियों का नया अड्डा बना न्यूजीलैंडKhalistan
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