मध्य प्रदेश

इंदौर में हिंदू परिवार की घर बेचने की मजबूरी, मुस्लिम युवकों द्वारा लगातार धमकियों और हमलों का शिकार

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डॉ. मयंक चतुर्वेदी

मध्य प्रदेश के इंदौर के रावजी बाजार थाना क्षेत्र प्रकाश के बगीचे में मुस्लिम युवकों की धमकियों से परेशान हिंदू परिवार पलायन को मजबूर हो गया है। मुस्‍लिमों द्वारा दी जा रही बार-बार की धमकियों और हमले की आशंका से घबराए हिंदू परिवार ने इनकी प्रताड़ना से तंग आकर अपने घर के दरवाजे पर लिखवा दिया है कि ‘यह मकान बिकाऊ है’। जब उसकी पुलिस भी नहीं सुन रही थी, तब जानकारी लगने पर विश्‍व हिन्‍दू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल के कार्यकर्ता हिन्‍दू परिवार की मदद करने पहुंचे और युवक को थाने ले जाकर शिकायत दर्ज करवाई गई । पुलिस ने जांच के बाद सात आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। ​​​​​​

दरअसल, एक पुराने विवाद से जुड़े केस के राजीनामे को लेकर ये सभी इस्‍लामिक लोग इस हिन्‍दू परिवार पर दबाव बनाते हुए बार-बार प्रताड़ित कर रहे थे। मकान बेचने की गुहार लगाने वाले युवक राजेश कलमोईया ने बताया कि बस्ती में एक महीने पहले पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा था। वह घर के बाहर खड़ा था, तब घूरकर देखने की बात को लेकर उसका विवाद शादाब शानू से हो गया था। शादाब ने राजेश को धमकाया और गालियां दी थीं, जिसके बाद एसी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में राजीनामे के लिए वह और उससे जुड़े मुस्‍लिम लोग मुझ पर दबाव बनाने और आए दिन धमकाते रहते हैं । मुझे जान से मारने की धमकी तक दी जा चुकी है। जिसमें कि अब इन लोगों ने देर रात मेरे घर पर रस्सी बम और कीलें फेंकी हैं।

राजेश ने बताया कि यह घटना शनिवार रात करीब पौने तीन बजे की है जब धमाके की आवाज आई और मैं अपनी पत्नी के साथ बाहर आया। देखा, पड़ोसी रईस खड़ा है, तभी वहां पास पड़े बम पर मेरी पत्‍नि का ध्‍यान गया और उसने मुझे अंदर खींच लिया। नहीं, तो मैं रात को ही झुलस जाता । इसके बाद युवक ने सुबह होने के बाद अपने दरवाजे पर ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिख दिया। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की और कीलें जांच के लिए भेजीं। वहीं, शादाब सहित सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। लेकिन इसमें भी सोचनेवाली बात यह है कि सुबह 9 बजे से पहले राजेश कलमोईया अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचा था लेकिन दोपहर दो बजे जाकर एफआईआर दर्ज की गई, जबकि बजरंग दल मय सबूत राजेश के साथ पूरे समय थाने में बना रहा। इस पर भी इस मौहल्‍ले की कई मुस्‍लिम महिलाएं थाने पहुंच गईं और या-हुसैन और अल्‍लाह-हू-अकबर के नारे लगाती रहीं, जिन्‍हें पुलिस ने बड़ी मुश्‍किल से वहां से हटाया।

इस संबंध में बजरंग दल इंदौर विभाग के संयोजक प्रवीण दरेकर ने बताया कि इंदौर में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है। इंदौर में घटा हालिका यह दूसरा मामला है, इससे पहले मेवाती मौहल्‍ला जेल रोड़ के पास कुछ हिन्‍दू परिवारों ने मुस्‍लिमों से प्रताड़‍ित होकर अपने घरों के बाहर लिख दिया था कि ये मकान बिकाऊ है। शहर में जहां भी हिन्‍दू परिवारों के बीच में कुछ घर हैं, वहां मुसलमान परिवार अनेक प्रकार से इन्‍हें प्रताड़‍ित करने का काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि इंदौर में इस तरह की लगभग 50 से अधिक बस्‍तियां हैं, जहां मुस्‍लिम बस्‍तियों के बीच कुछ घर हिन्‍दुओं के हैं और अक्‍सर इन घरों को बेचने का दबाव घरों के मालिक हिन्‍दू परिवारों पर बनाया जाता है। कल राजेश कलमोईया के साथ भी यही हुआ। उन्‍होंने बताया कि इनकी पत्‍नि को आए-दिन वहां बाहर बैठकर मुस्‍लिम युवक परेशान करते रहते हैं, ऊंची आवाज में भद्दी, अश्‍लील बातें करना और गालियां देना उनका रोज का काम है। इतना ही नहीं वहां राजेश के घर के बाहर उसके काम पर जाने के बाद ये मुस्‍लिम गुंडे नशा भी करते हैं। अभी जब राजेश के घर के बारह पुलिस ने अपनी जांच की तो उसे कुछ नशीली दवाओं की खाली बोतले भी वहां से मिली हैं।

बजरंग दल संयोजक प्रवीण दरेकर ने जानकारी दी कि यह क्षेत्र शुरू से विवादास्‍पद रहा है, पिछले वर्ष भी यहीं पर विवादास्‍पद पोस्‍टर लगाया गया था। यहां रह रहे मुसलमीन कोविड के वक्‍त थाने तक पर हमला कर चुके हैं। ऐसे में बजरंग दल की प्रशासन से मांग है कि अभी जो आरोपित पकड़े गए हैं, कोर्ट के समक्ष उनकी जमानत पर पुलिस द्वारा आपत्‍त‍ि ली जाए। इस क्षेत्र में शांति एवं भय मुक्‍त माहौल के लिए पुलिस पेट्रोलियम बढ़ाई जाना चाहिए। यहां बने सभी सरकारी अतिक्रमण पर कार्रवाई हो। इसके साथ ही इस क्षेत्र में जो अवैध मस्‍जिदें और मजारे हैं उन्‍हें ध्‍वस्‍त करने के साथ यहां के सभी संचालित अवैध मदरसों को पूरी तरह से जमीदोज कर दिया जाना चाहिए।

उल्‍लेखनीय है कि मप्र में जहां मुस्‍लिमों के बीच कुछ घर हिन्‍दुओं के रह जाते हैं, वहां कई बार पत्‍थर तक फैंके जाने की शिकायते आना आम बात होती जा रही है, ता‍कि हिन्‍दू परिवार ओने-पोने दामों पर अपना घर बेचकर वहां से चला जाए। इंदौर में यह प्रेक्‍टिस पिछले कई वर्षों से देखने में आ रही है। बार-बार प्रताड़‍ित होने के बाद आखिर हिन्‍दू परिवार ऐसी बस्‍तियों से पलायन करने को मजबूर हो जाता है। इंदौर की तरह ही नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में महाजनी टोला में इमरत प्रजापति के परिवार पर पत्थरबाजी हुई थी। इमरत ने तब बताया भी था कि मुस्लिम कट्टरपंथी हिंदुओं को परेशान कर पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अब सिर्फ चार-पांच हिंदू परिवार बचे हैं, शेष परिवार पहले ही पलायन कर चुके हैं।

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में के सुराना गांव में ग्रामीण भी इसी तरह की घटनाओं से परेशान होकर पलायन करने जा रहे थे। उन्‍होंने भी अपने घरों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” के इश्तेहार लगा दिए थे, फिर प्रशासन की सक्रियता से यहां शांति बहाल हो सकी थी। एक मामला ऐसा ही प्रदेश में देवास से भी सामने आया था, यहां पर शहर के स्टेशन रोड स्थित एक भूमि पर श्मशान है, उसे पुराना कब्रिस्तान कर मुसलमानों ने कब्‍जा जमाना शुरू कर दिया था । इसके बाद विवादित स्थल के मुख्य द्वार पर प्रशासन ने ताला लगा दिया । फिर अंदर रह रहे एक परिवार का घर भी प्रशासन ने बुलडोजर से तोड़ दिया था। इधर प्रशासन और पुलिस की टीम ने यहां नया आवाजाही मार्ग बनाने का प्रयास शुरू किया। इसके विरोध में स्थानीय पार्षद और आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और स्थानीय रहवासियों ने अपने घरों पर यह मकान बिकाऊ है के पोस्टर लिखकर टांग दिए थे, जिन्‍हें क्षेत्र के सांसद की सक्रियता के बाद पलायन करने से रोका जा सका था।

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