भारत की कुल 1,440 प्राचीन वस्तुएं भारत के प्रतिनिधि के हाथों में अमेरिका में सुपुर्द कर दी गई हैं। बताया गया है कि वापस आ रहीं इन कलाकृतियों और मूल्यवान प्रतिमाओं में उन तनेसर माता की मूर्ति है जो राजस्थान में स्थापित थी और नर्तकियों की विभिन्न मुद्राओं में कई मूर्तियां हैं जिन्हें मध्य प्रदेश से चुराया गया था।
अमेरिका में भारत की मोदी सरकार की कूटनीति का असर फिर एक बार दिखा है। तस्करों और लुटेरों द्वारा समय—समय पर चुराई गईं भारत की सांस्कृतिक धरोहरों की एक बड़ी खेप जल्दी ही अपने देश वापस लौटकर हमारे मंदिरों, संग्रहालयों की शोभा बढ़ाएंगी। ये प्राचीन वस्तुएं, प्रतिमाएं, कलाकृतियां इन सब की कीमत 84 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है।
भारत की कुल 1,440 प्राचीन वस्तुएं भारत के प्रतिनिधि के हाथों में अमेरिका में सुपुर्द कर दी गई हैं। बताया गया है कि वापस आ रहीं इन कलाकृतियों और मूल्यवान प्रतिमाओं में उन तनेसर माता की मूर्ति है जो राजस्थान में स्थापित थी और नर्तकियों की विभिन्न मुद्राओं में कई मूर्तियां हैं जिन्हें मध्य प्रदेश से चुराया गया था।
अमेरिका की मुद्रा में एक करोड़ डॉलर मूल्य की ये प्रतिमाएं व अन्य प्राचीन कलाकृतियां जल्दी ही भारत पहुंचने वाली हैं। अमेरिका के मैनहट्टन स्थित जिला अधिवक्ता एल्विन ब्रैग जूनियर ने कहा कि बताया कि ये प्राचीन कलाकृतियां सांस्कृतिक संपदा हैं जो कला तथा पुरावशेष समूह की सुपरवाइजर एलेक्जेंड्रा डीआर्म्स की उपस्थिति में भारत के महावाणिज्य दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी मनीष कुलहरी को सौंप दी गई है।
जिला अधिवक्ता ब्रैग के अनुसार, अनेक आपराधिक तस्करी ताने—बानों से बरामद की गईं ये कलाकृतियां बहुमूल्य हैं। इनकी तस्करी में प्राचीन वस्तुओं के कुख्यात तस्कर सुभाष कपूर तथा नैन्सी वीनर का भी हाथ रहा है। ब्रैग ने बताया कि इनमें से लगभग 600 कलाकृतियां ऐसी हैं जो 2024 के आरम्भ में जब्त की गई हैं।
एक जानकारी के अनुसार, भारत लौट रही इस प्राचीन सांस्कृतिक संपदा में मध्य प्रदेश के मंदिर की बलुआ पत्थर की बनी नर्तकी की प्रतिमा 1980 के दशक में चुराई गई थी। राजस्थान के तनेसरा-महादेव से लूटी परतों वाली चट्टान से तराशी गई तनेसर देवी की मूर्ति 1960 के दशक में चुराई गई थी।
तस्करों ने शैतानी मंशा रखते हुए नर्तकी की प्रतिमा के दो हिस्से करके फरवरी, 1992 में तस्करी के रास्ते लंदन से न्यूयॉर्क पहुंचाया था। वहां पहुंचने के बाद, प्रतिमा को बड़ी बारीकी से पहले जैसा जोड़ दिया गया। बताते हैं, इस प्रतिमा को फिर न्यूयार्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट को दान में दे दिया गया था। उसके वर्षों बाद, 2023 में इस प्रतिमा को एंटीक ट्रांसपोर्ट यूनिट ने जब्त किया था।
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