‘एक देश और एक चुनाव’ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि अगर इस देश को तरक्की के मार्ग पर आगे ले जाना है तो पांच वर्ष में एक बार चुनाव होने चाहिए और फिर 5 वर्ष तक लगातार काम करना चाहिए।’ ये कहना है केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए एक देश और एक चुनाव के मुद्दे का समर्थन किया और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक इस विषय पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि जल्द ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर ये रिपोर्ट देश की संसद में पेश की जाएगी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, एक देश और एक चुनाव इसलिए जरूरी है, क्योंकि हम एक देश में रहते हैं। हम सभी को एक साथ वोट करने की आवश्यकता है और देशभर में एक ही मुद्दा रहना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि 25 नवंबर को होने जा रही संसद की बैठक के बाद एक देश और एक चुनाव समेत कई अहम बिल आने वाले हैं।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध का अधिकार होता है। विरोध करने वाले लोगों के अपने तर्क हैं, जैसे कि सभी राज्यों के पास चुनाव आयोजित करने की पॉवर होनी चाहिए। लेकिन सभी तर्कों को सुनने के बाद हम लोगों ने एक राष्ट्र और एक चुनाव का फैसला लिया।
रिजिजू बताते हैं कि 25 नवंबर से शुरू हो रहे संसद में एक और अहम बिल वक्फ संसोधन अधिनियम-2024 भी पेश किया जाएगा। उन्होंने भी बताया कि पिछले सदन के दौरान भी उन्होंने ने ही इस बिल को संसद की पटल पर रखा था। राजनीति के जानकारों का कहना है कि जिस प्रकार से देश में वक्फ बोर्ड देश में संपत्तियों पर मनमाना अधिकार जमाता जा रहा है, उससे वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर लगाम लगाना आवश्यक हो गया है।
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