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सनातन धर्म संसद में बोले कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर: ‘बहुत सह लिया, अब नहीं सहेंगे, हिंदू हक लेकर रहेंगे

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Mahak Singh

सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित सनातन धर्म संसद शनिवार को शुरू हुई। सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित सनातन धर्म संसद शनिवार को शुरू हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया, जिसमें देशभर से संत, महंत, धर्मगुरु और कथावाचक शामिल हुए। आयोजन का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के अधिकारों की सुरक्षा और उसे सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने पर विचार करना था।

सनातन बोर्ड की आवश्यकता पर जोर

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “हमने बहुत सहन कर लिया, अब और नहीं सहन करेंगे। हिंदुओं को उनका अधिकार मिलेगा। अब हम न टूटेंगे, न झुकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म को एकजुट और सशक्त बनाने के लिए सनातन बोर्ड का गठन आवश्यक है।

उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में कथित तौर पर पशु चर्बी मिलने की घटना का जिक्र करते हुए सनातनी समाज से सवाल किया, “क्या आप ऐसा प्रसाद खाना चाहेंगे? ऐसी घटनाओं को रोकने और हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सनातन बोर्ड की आवश्यकता है।”

देवकीनंदन ठाकुर ने सरकारी अधिकारियों द्वारा मंदिरों के प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा, “जिन्हें हमारे धर्म का ‘क ख ग’ तक नहीं पता, वे हमारे मंदिरों की व्यवस्था कैसे देख सकते हैं? सनातन बोर्ड बनने से न केवल गुरुकुल परंपरा को पुनर्जीवित किया जा सकेगा, बल्कि गोशालाओं का भी निर्माण होगा।

धर्म संसद में धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सनातन बोर्ड के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करनी होगी। हिंदू बच्चियों का विवाह हिंदू परिवारों में ही होना चाहिए।” उन्होंने हलाल प्रमाणित उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान भी किया।

धर्म संसद के इस सत्र में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज, महंत रवींद्र पुरी महाराज, अहिंसा विश्व भारती के आचार्य श्रीलोकेश मुनि, और श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज सहित कई प्रतिष्ठित संतों और धर्मगुरुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

सनातन धर्म के लिए ठोस कदम

इस अवसर पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, अब समय आ गया है कि हम अपने धर्म के लिए संगठित हों। सनातन बोर्ड के जरिए धर्म परिवर्तन रोकने, गोशालाओं और गुरुकुलों को पुनर्जीवित करने जैसे कार्य किए जाएंगे। यह हमारी पवित्र जिम्मेदारी है।

उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा, अगर जमीर है तो जामा मस्जिद की सीढ़ियों से कन्हैया को लाकर मथुरा में ठाकुर जी का भव्य मंदिर बनवाएं। यह समय हिंदुओं के अधिकारों को पुनः स्थापित करने का है। अभी नहीं तो कभी नहीं। इससे पहले, सनातन धर्म संसद की पहली बैठक 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली में और दूसरी बैठक 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में आयोजित की गई थी। इन बैठकों में भी सनातन धर्म के हितों की सुरक्षा और अधिकारों की बहाली पर चर्चा की गई थी।

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