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सऊदी अरब ने सौंपा भारत का अपराधी बरकत अली, गोवा में दंगों के बाद देश से भागा बरकत अब सीबीआई की गिरफ्त में

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WEB DESK

यह निश्चित रूप से भारत और सऊदी अरब के बीच मधुर संबंधों और समझ की वजह से संभव हुआ है। भारत के साथ निकटता की वजह से ही सऊदी अरब ने भारत के इस प्रयास को बेकार नहीं जाने दिया और बरकत को भारत को सौंप दिया। पता चला है कि दंगे के अपराधी बरकत अली के बारे में जानकारी मिलने पर रियाद की पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके भारत के हवाले किया है।


बरकत नाम का अपराधी वापस भारत को सौंपा गया। अब ये सीबीआई की गिरफ्त में है। 2011 में दक्षिण गोवा में दंगे हुए थे। उन दंगों में दो लोग मारे गए थे। उन दंगों को
कराने का आरोप बरकत के साथ एक अन्य पर लगा था। तब बरकत भारत से भागकर सऊदी अरब जा छुपा था और तबसे वहीं रह रहा था। लेकिन अब भारत सरकार के प्रयासों के बाद सऊदी अरब सरकार ने इस बरकत को भारत के हवाले कर दिया है। बरकत न्यायिक हिरासत में कैद है।

यह निश्चित रूप से भारत और सऊदी अरब के बीच मधुर संबंधों और समझ की वजह से संभव हुआ है। भारत के साथ निकटता की वजह से ही सऊदी अरब ने भारत के इस प्रयास को बेकार नहीं जाने दिया और बरकत को भारत को सौंप दिया। पता चला है कि दंगे के अपराधी बरकत अली के बारे में जानकारी मिलने पर रियाद की पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके भारत के हवाले किया है।

बरकत अली के सऊदी अरब से दिल्ली पहुंचने पर हवाईअड्डे पर ही उसे सीबीआई को सौंप दिया गया। उसके बाद दंगाई बरकत को दक्षिण गोवा की जिला अदालत में प्रस्तुत किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

बरकत अब सीबीआई की गिरफ्त में

उल्लेखनीय है कि 2011 में दक्षिण गोवा में जो दंगे हुए थे, उससे जुड़े नौ मामले आगे जांच के लिए प्रदेश सरकार ने सीबीआई के हाथ सौंपे थे। सीबीआई ने जो आरोप पत्र बनाया उसमें बरकत अली तथा अन्य पर दंगे, गैर इरादतन हत्या, हत्या के साथ ही अन्य कई अपराधों का उल्लेख किया गया है।

2022 में दक्षिण गोवा के सत्र न्यायाधीश इरशाद आगा द्वारा उस मामले में शामिल 13 आरोपियों को छोड़ दिया। बता दें कि 2011 में दक्षिण गोवा में यूनाइटेड ट्राइबल एसोसिएशन गठबंधन ने एक आंदोलन किया था। इसी आंदोलन के फलस्वरूप हिंसा फैलाई गई, फिर दंगा शुरू कर दिया गया। उसमें दो लोग मारे गए थे।

उस आंदोलन में जनजातीय लोगों द्वारा सरकारी नौरियों में आरक्षण सहित अन्य कई मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा था। आंदोलन में भारी भीड़ जुटी थी। फिर जाने कैसे उसमें हिंसा मच गई। भीड़ ने पुलिस की गाड़ियां, रेल सिग्नल तथा रेल पटरियों को तोड़ दिया। उस दंगे के बाद मुख्य अपराधी बरकत का कुछ पता नहीं चला। लेकिन गहन छानबीन से सामने आया कि वह सऊदी अरब जाकर रहने लगा है। इसके बाद उसे भारत लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई, जिसका नतीजा यह निकला कि आज वह सीबीआई की गिरफ्त में है।

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