विकास का पैमाना बनी पाश्चात्य संस्कृति हमारा विकास नहीं : डाॅ. कैलाश सत्यार्थी
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विकास का पैमाना बनी पाश्चात्य संस्कृति हमारा विकास नहीं : डाॅ. कैलाश सत्यार्थी

- तीन दिवसीय विजन फॉर विकसित भारत (विविभा-2024) अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन का हुआ आयाेजन

by WEB DESK
Nov 15, 2024, 07:30 pm IST
in भारत, हरियाणा
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गुरुग्राम । सोशल एक्टिविस्ट एवं नोबल पुरस्कार से सम्मानित डाॅ. कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हम विकसित भारत की अवधारणा के बारे में विचार करते हैं। ऐसे में हमें एक बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि कहीं हम उस विकास को तो नहीं देख रहे, जिससे मनुष्य व प्रकृति खतरे में हो। पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव पर उन्होंने कहा कि यह संस्कृति हमारा विकास नहीं है, जबकि विकास का यह पैमाना बना हुआ है।

यह बात उन्होंने शुक्रवार को यहां एसजीटी यूनिवर्सिटी में भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम द्वारा तीन दिवसीय विजन फॉर विकसित भारत (विविभा-2024) अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि कही। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघचालक डाॅ. मोहन भागवत, इसरो प्रमुख डाॅ. एस. सोमनाथ समेत कई अतिथियों ने शिरकत की। इस अवसर पर करीब एक हजार शोधार्थी मौजूद रहे। सम्मेलन की शुरुआत में रिसर्च जनरल फॉर भारतीय शिक्षण मंडल रिलीज किया गया।

डाॅ. सत्यार्थी ने कहा कि आज का यह आयोजन विकास को उन जड़ों में से शक्ति देने की कोशिश कर रहा है, जो भारतीय चिंतन, अध्यात्म, दर्शन परंपरा है। ये सार्वभौमिक, सार्वकालिक मूल्य हैं। हमारा तरीका उसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्हें हमें थामकर रखना है। उन्होंने कहा कि विकास की परिभाषा, अवधारणा, इसके पैमाने और इसकी पद्धतियों के लिए भारत को किसी के आगे याचक, किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है।

डाॅ. कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि सृजनशील व रचनात्मक शोधपरक बनाती है। इस मेधा की उपासना हमारे पूर्वजों और संसार को अपने योगदान से बेहतर बनाने वाले देवगण करते थे। यह प्रार्थना इस कार्यक्रम के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि करीब पौने दो लाख शोधार्थियों में से चुने हुए एक हजार शोधार्थी यहां एकजुट हुए हैं। जब हम विकसित भारत के संकल्प के साथ यहां बैठे हैं तो यह एक नए यज्ञ की शुरुआत है। जब भी समाज की, राष्ट्र की, मानवता की भलाई के इच्छुक, उसमें संलग्न व संकल्पवान लोग जब एक जगह एकत्रित होते हैं, वह भी एक बड़ा यज्ञ है। यह कार्यक्रम एक महायज्ञ है। यज्ञ की एक और विशेषता है कि जब हम अपना सर्वश्रेष्ठ आहुत करते हैं तो मन में कोई अहंकार का भाव नहीं आता।

उन्होंने कहा कि मेरा नाम सत्यार्थी है और आप एक हजार शोधार्थी। सत्यार्थी व शोधार्थी में कोई फर्क नहीं है। आप शोध से सत्य तक पहुंचते हैं, मैं अपने कर्मों से सत्य तक पहुंचता हूं। जो सर्वश्रेष्ठ कर्म है संसार का, वही यज्ञ है। यज्ञ का विकास व प्रकृति से सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि जिस यज्ञ की आज यहां शुरुआत हो रही है, इसका संदेश पूरी दुनिया को आलाैकिक करेगा।

डाॅ. सत्यार्थी ने कहा कि विकास की हमारी अवधारणा में यह नहीं है कि किसी से लूट, खसोट करो। भारत के डीएनए में इसके उलट चीज है। जो कुछ भी आप जीवन में हासिल करते हैं, उसको आप बिना किसी उपकार, अभिमान, घमंड के भाव से लौटाते हैं। इससे जो आनंद मिलता है, यह भारत के डीएनए का हिस्सा है। हम किसी को पीछे नहीं धकेलते। हम किसी को छोड़कर आगे बढ़ने में भरोसा नहीं करते। विकास की परिभाषा, अवधारणा, इसके पैमाने और इसकी पद्धतियों के लिए भारत को किसी के आगे याचक, किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है। हमारे वेदों में, परंपराओं में हजारों साल पहले समानता का संदेश सिखाया है।

उन्हाेंने कहा कि आज हम विकास की बात कर रहे हैं, विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। मेरे हिसाब से हमारी चिंतन परंपरा में विकास त्रिआयामी है। यह हमको पश्चिम से अलग करता है। व्यक्तिक विकास, सामूहिक विकास व सार्वभौमिक विकास है। शरीर, मन आत्मा का विकास है। धर्म, अध्यात्म के माध्यम से आत्मा को बेहतर बनाकर रखना व्यक्तिक विकास है। सामूहिक विकास में सबके लिए गरिमामय आजीविका, अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य, सबके लिए सुरक्षा की गारंटी है। यह सामूहिक विकास में करना होगा। तीसरा सार्वभौमिक विकास की बुनियाद हमारे यहां सर्वे भवंतु सुखिन: और वसुधैव कुटुम्बम के सिद्धांत पर टिकी है। यह सिर्फ एक श्लोक नहीं है, इसमें गहरा रहस्य है। यह भाव हमारे दिल, दिमाग में होना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को हम तभी चरितार्थ कर सकते हैं, जब हम इसे महसूस करेंगे। भारत की भुजाएं इतनी बड़ी हैं कि हम सारे संसार को अपने में समेट सकते हैं।

Topics: विविभा-2024अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलनडाॅ. कैलाश सत्यार्थीभारतीय शिक्षण मंडलVision for Developed IndiaVIVIBHA-2024All India Researchers ConferenceDr. Kailash SatyarthiIndian Education Boardविजन फॉर विकसित भारत
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कार्यक्रम में राज्यपाल एन. इंद्रसेना रेड्डी का स्वागत करते भारतीय शिक्षण मंडल के अधिकारी

‘विकास के लिए तकनीक और संस्कृति दोनों चाहिए’

आरंभ हुआ युवा शोधार्थियों का महाकुंभ विविभा 2024 : सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने किया उद्घाटन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies