कनाडा में खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हिन्दू मंदिरों के बाहर प्रदर्शन की धमकी के बीच ग्रेटर टोरंटो एरिया के दो शहरों ब्रैम्पटन और मिसिगागा नगर निगम ने एक प्रस्ताव पारित किया है। इसके तहत पूजा स्थलों के बाहर विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कनाडा में खालिस्तानी आतंक को देखते हुए ब्रैम्पटन शहर के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने यह प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसको लेकर पैट्रिक कहते हैं कि इस देश के अंदर हम विरोध के अधिकार को स्वीकार करते हैं, लेकिन तभी तक, जब तक कि ये किसी दूसरे के अधिकारों का हनन नहीं करता है। उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रस्ताव को इसलिए पारित किया गया, ताकि पूजा स्थलों की पवित्रता बनी रहे और किसी भी विरोध से बची रहे।
पैट्रिक का कहना था कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या फिर चर्च हर धर्म के उपासकों को हिंसा मुक्त और धमकी मुक्त प्रार्थना करने की पूरी आजादी है। उल्लेखनीय है कि पारित किए गए प्रस्ताव के अनुसार मिसिगागा में पूजा स्थलों के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा।
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पन्नू ने 16 और 17 नवंबर को दी है प्रदर्शन की धमकी
पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो में ऐलान किया था कि वो 16 नवंबर को मिसिगागा के कालीबाड़ी मंदिर और 17 नवंबर को ब्रैम्पटन में हिन्दू मंदिर के खिलाफ भी प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। उसने कहा था कि भारतीय हिन्दुओं को ‘घर में घुसकर मारने’ की धमकी दी। उसने चेतावनी दी थी कि भारतीय राष्ट्रवादी विचारधारा वाले सभी लोगों को कनाडा छोड़ना होगा। पन्नू ने वीडियो में कहा था कि कनाडा में जो भी भारतीय समुदाय का व्यक्ति ‘तिरंगे’ के साथ दिखेगा उसे कनाडा का दुश्मन माना जाएगा। पन्नू कहता है कि ये भारत सरकार और खालिस्तान समर्थकों के बीच की लड़ाई है, कोई भी इसके बीच में न आए।
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