हिमाचल की कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका : हाई काेर्ट ने निरस्त किया सीपीएस कानून, चीफ संसदीय सचिवों काे हटाने का दिया आदेश
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

हिमाचल की कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका : हाई काेर्ट ने निरस्त किया सीपीएस कानून, चीफ संसदीय सचिवों काे हटाने का दिया आदेश

भाजपा ने सीपीएस रह चुके विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की

by WEB DESK
Nov 13, 2024, 06:06 pm IST
in भारत, हिमाचल प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट से बुधवार काे बड़ा फैसला आया है। हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव अधिनियम 2006 को निरस्त कर दिया है। वर्तमान छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां रद्द करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिव की तैनाती को अवैध ठहराया है। हाई काेर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि मुख्य संसदीय सचिव काे हटाने और इन्हें मिल रहीं सभी सुविधाएं तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएं।

जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर व जस्टिस बीसी नेगी की खंडपीठ ने बुधवार को तीन अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उक्त आदेश सुनाए। इस फैसले के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस की सुक्खू सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुक्खू सरकार ने पिछले साल छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था। मुख्य संसदीय सचिवों के मामले में याचिका कल्पना और भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी।

दरअसल, भाजपा नेता सतपाल सत्ती सहित 12 भाजपा विधायकों ने हाई काेर्ट में याचिका दायर कर अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की मुख्य संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी गई थी। याचिका में सीपीएस नियुक्ति से जुड़े कानून को चुनौती देते हुए इस कानून को बनाने की सरकार की योग्यता पर प्रश्न चिह्न उठाया था। याचिका मेें प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है, इसलिए इनके द्वारा किए गए कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

हाई काेर्ट के फैसले का सुप्रीम काेर्ट में चुनाैती देगी सरकार : एडवाेकेट जनरल

इस संबंध में हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।हाई कोर्ट ने सीपीएस एक्ट 2006 को खत्म कर सीपीएस को हटाने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने असम केस का हवाला देते हुए अपना निर्णय सुनाया है, जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी क्योंकि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस एक्ट असम एक्ट से अलग था। असम एक्ट में मंत्री के समान शक्तियां और सुविधाएं सीपीएस को मिल रही थीं लेकिन हिमाचल में सीपीएस को इस तरह की शक्तियां नहीं थी। ऐसे में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

भाजपा ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाई काेर्ट के महत्वपूर्ण फैसले ने साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार किस प्रकार गैर कानूनी तरीके से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करते हुए दो साल व्यतीत कर दिए। उन्होंने कहा कि लगातार हिमाचल प्रदेश के पैसे का दुरुपयोग व शक्तियों का दुरुपयोग हुआ। कांग्रेस सरकार का छह मुख्य संसदीय सचिव बनाकर उनको मंत्रियों के बराबर शक्तियां देना गैर कानूनी और संविधान के खिलाफ रहा।

डाॅ बिन्दल ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश के हाई काेर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं, जिन्होंने सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों को पदच्युत करने का आदेश दिया है। यह फैसला स्वागत योग्य है। हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्यायपूर्ण रवैया कांग्रेस सरकार ने किया है, हम उसकी निंदा करते हैं।

सीपीएस रह चुके विधायकों की सदस्यता रद्द हाे : जयराम

नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही सीपीएस बनाने के फैसले के खिलाफ थी क्योंकि यह असंवैधानिक था और यह संविधान के विरुद्ध निर्णय था। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2017 में हम सरकार में थे तो हमारे समय भी यह प्रश्न आया था तो हमने इसे पूर्णतया असंवैधानिक बताते हुए सीपीएस की नियुक्ति नहीं की थी। आज हाई कोर्ट ने फिर से कांग्रेस सरकार के तानाशाही पूर्ण और असंवैधानिक फैसले को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि इस पद का लाभ लेने वाले सभी विधायकों की सदस्यता भी समाप्त हो।

सौजन्य – सिंडिकेट फीड

Topics: Himachal Pradesh Hindi Samacharमुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आयाSukhwinder Singh Sukhuहिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव अधिनियम 2006 को निरस्तHimachal high courtएडवोकेट जनरल अनूप रत्नcps appointments constitutional statusजस्टिस विवेक सिंह ठाकुरcps appointment caseजस्टिस बीसी नेगीcps appointment case himachalभारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दलhp high court newsपूर्व सीएम जयराम ठाकुरcps appointment case ordercps appointment law abrogatedCongress Sukhu governmentसंसदीय सचिव अधिनियम 2006
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

रोजगार और भर्तियों के परिणाम घोषित करने की मांग करते बेरोजगार युवा (फाइल फोटो)

झूठी दिलासा, फर्जी वादे

सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रतिभा सिंह

हिमाचल प्रदेश : कांग्रेस की खेमेबाजी से सुक्खू का दम सूखा, नहीं बना पा रहे अपना मंत्रिमंडल

शपथ ग्रहण करते हुए

सुखविंदर सिंह सुक्खू बने हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

पीएम मोदी का फिर हिमाचल दौरा, इस तारीख को बन रहा केदारनाथ और चंबा का कार्यक्रम

हमीरपुर में गरजे राजनाथ सिंह, कहा- 1971 की लड़ाई में हो जाना चाहिए था PoK पर फैसला

हिमाचल प्रदेश: बर्फबारी से पहले कुछ सीटों पर मतदान की तैयारी, दशहरे पर हो सकती है घोषणा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies