भारत लगातार रक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। देश अब हथियारों का आयातक ही नहीं निर्यातक भी बन चुका है। इसी क्रम में भारत ने आर्मेनिया को आकाश हथियार प्रणाली बैटरी का निर्यात कर दिया है।
आकाश मिसाइल सिस्टम का निर्माण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (DRDO) ने किया है। यह एक सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है, जो कि 25 किलोमीटर की सीमा के अंदर ट्रैवल कर रहे किसी भी फाइटर प्लेन, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन अथवा दूसरे वायु उपकरणों को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है। इस निर्यात को लेकर रक्षा मंत्रालय के डिफेंस प्रोडक्शन सेक्रेटरी संजीव कुमार कहते हैं कि ऐसा पहली बार है, जब भारत ने अपने किसी विदेशी मित्र राष्ट्र को आकाश मिसाइल बैटरी का निर्यात किया है।
इसकी प्रत्येक बैटरियों का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के द्वारा किया गया है। इसमें हर बैटरी के साथ राजेंद्र 3D पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली ऐरे रडार और तीन मिसाइलों वाले चार लॉन्चर भी इंस्टाल किए गए हैं। 2020 में ही भारत सरकार ने आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दी थी। इसके बाद वर्ष 2022 में ही आर्मेनिया ने 6000 करोड़ की लागत से 15 आकाश मिसाइलों के लिए भारत के साथ समझौता किया था। अब जब भारत ने आर्मेनिया को इसकी पहली खेप भेज दी है तो इसको लेकर BEL के वैज्ञानिकों का कहना है कि ये रक्षा इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन के क्षेत्र में देश की बढ़ती ताकत का एक नमूना है।
यहां इस बात का भी उल्लेख किया जाना आवश्यक है कि आर्मेनिया से पहले फिलीपींस ने चीनी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ 2022 में ही ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सौदा किया था। फिलीपींस को इसी साल अप्रैल में ही ब्रम्होस मिसाइलों का पहला बैच भी डिलीवर किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि फिलीपींस के साथ ब्रम्होस मिसाइलों का सौदा देश का पहला सबसे बड़ा रक्षा निर्यात ऑर्डर था।
टिप्पणियाँ