‘सनातन धर्म’ मतलब ऐसा धर्म, जिसका अंत नहीं। इसीलिए कहते हैं कि सनातन धर्म की ये महानता है कि जो भी इसे एक बार जानने या समझने की कोशिश करता है, वो इसी का होकर रह जाता है। ऐसी ही एक खबर छत्तीसगढ़ के रायपुर से सामने आ रही है, जहां कभी बहकावे में आकर दूसरे पंथों, या मजहबों में शामिल हो चुके 350 लोगों ने घर वापसी कर ली।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रायपुर के बीटी ग्राउंड में संत प्रबुद्ध जन सम्मेलन आयोजित किया गया, जहां पर दक्षिण भारत के एक बड़े धर्म गुरू भी उपस्थित रहे। सम्मेलन के दौरान संतों ने देश और प्रदेश में हिन्दुओं के कन्वर्जन को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही इसे किस तरह से रोका जाए, इसको लेकर विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर 300 साधकों ने सनातन धर्म की सेवा करने की दीक्षा प्राप्त की।
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वहीं इस पावन अवसर पर स्वामी जी की उपस्थिति में दूसरे मजहब में गए करीब 350 लोगों ने घर वापसी करते हुए सनातन धर्म अपना लिया। दक्षिण भारत से आए संत ने सभी लोगों को ‘जियो और जीने दो’ का मंत्र देते हुए सभी को हर दिन कम से कम एकाग्र मन से ईश्वर भक्ति में रमने की सलाह दी।
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