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बांग्लादेश: तिलक लगाना, भगवद गीता बांटना, हरे कृष्ण का जाप करना प्रतिबंधित, पुजारी ने बताई दर्दनाक कहानी

शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक संस्थानों पर लगातार हमले बढ़ गए हैं।

by Mahak Singh
Nov 10, 2024, 12:20 pm IST
in भारत
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

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शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक संस्थानों पर लगातार हमले बढ़ गए हैं। इन घटनाओं में इस्कॉन मंदिर और उसके अनुयायी विशेष रूप से निशाने पर हैं। बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी ने इन अत्याचारों का विरोध करते हुए पूरी स्थिति को बेहद गंभीर बताया है और कहा है कि ऐसी घटनाएं बांग्लादेश के लिए शर्मनाक हैं।

इस्कॉन का योगदान

इस्कॉन ने बांग्लादेश में दशकों से शांति, प्रेम और धार्मिक जागरूकता फैलाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। इसके बावजूद बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़ी गतिविधियों को निशाना बनाया जा रहा है। इस्कॉन के अनुयायियों का कहना है कि बांग्लादेश में उनके धार्मिक आस्थाओं का पालन करना अब मुश्किल हो गया है। धोती-कुर्ता पहनना, भगवद गीता बांटना, तिलक लगाना और यहां तक कि “हरे कृष्णा” का जाप करना भी अब प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके बावजूद, इस्कॉन के पुजारी ने इस घटनाक्रम को बेहद दुखद और अपमानजनक बताया है। उनका कहना था कि इस्कॉन का उद्देश्य किसी भी तरह से किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि सिर्फ प्रेम और शांति का संदेश फैलाना है।

धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला

बांग्लादेश में इस्कॉन अनुयायी अब अपनी धार्मिक स्वतंत्रता को खतरे में महसूस कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को भगवान का नाम लेने, गीता का प्रचार करने, या उनके पारंपरिक पहनावे का पालन करने की स्वतंत्रता नहीं है। इस्कॉन के वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार बांग्लादेश का निर्माण उस समय हुआ था जब हालात बहुत खराब थे और तब इस्कॉन ने वहां के लोगों की मदद की थी। अब जिस प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं, उससे उनके अनुयायी भयभीत हैं और वे समझ नहीं पा रहे हैं कि उनका अपराध क्या था।

इस्कॉन के पुजारी का विरोध

इस्कॉन के नागपुर मंदिर के पुजारी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि यह पूरी स्थिति धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का उदाहरण है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में अब राक्षसी प्रवृत्तियों वाले लोग हावी हो गए हैं, जो निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस्कॉन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कर रहा है और न ही किसी को अपनी धार्मिक पहचान बदलने के लिए मजबूर कर रहा है।

इस्कॉन पुजारी ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में फंसे हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस्कॉन ने वहां भी योगदान दिया है लेकिन बांग्लादेश में स्थिति बहुत अलग है।

Topics: इस्कॉनBangladesh Violencebangladesh ISKCON templeइंस्कॉन मंदिर बांग्लादेशPersecution of Hindus in Bangladeshतिलक लगाने पर प्रतिबंधहरे कृष्ण जप पर प्रतिबंधइस्कॉन मंदिरiskcon templeiskcon
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