कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिन्दू सभा मंदिर में खालिस्तानियों के हमले में शामिल एक खालिस्तानी को कनाडा की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, इसके तुरंत बाद उसे छोड़ दिया गया। जस्टिन ट्रूडो सरकार का कहना है कि उसे उम्मीद है कि आरोपी ओंटारियो स्थित कोर्ट में पेश होकर कानून का सहयोग करेगा। इसीलिए उसे छोड़ा गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रैम्पटन मंदिर में हमले में शामिल गिरफ्तार कर छोड़े गए आरोपी की पहचान इंद्रजीत गोसल के तौर पर हुई है। उसे 8 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप है कि उसने ही मंदिर के अंदर हथियारों से लोगों पर हमले किए थे। बताया जा रहा है कि कनाडाई सरकार की क्राइम इंन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। कनाडाई अधिकारियों का कहना है कि वो ब्रैम्पटन हमले की अभी समीक्षा ही कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि बीते रविवार को कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी कट्टरपंथी हिन्दू समुदाय के लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन करते हुए ही वे बैरिकेड्स को तोड़कर मंदिर के अंदर घुस गए और वहां पर उपस्थित हिन्दू श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। खास बात ये है कि घटना के वक्त पुलिस ने भी तुरंत एक्शन नहीं लिया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
हिन्दू सभा मंदिर पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों के हमले के बाद इसका वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्रशेखर आर्य ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा था कि ब्रैम्पटन हिन्दू सभा मंदिर पर खालिस्तानियों के हमले से ये स्पष्ट हो गया है कि कनाडा में इन कट्टरपंथियों की जड़ें कितनी गहराई तक हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं लंबे वक्त से ये कह रहा हूं और एक बार फिर से कह रहा हूं कि हिन्दू कनाडाई लोगों को खुद अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए लड़ना होगा। तभी जाकर राजनेताओं की जबावदेही को तय किया जा सकेगा।
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उल्लेखनीय है कि आर्य ने इससे पहले इसी साल जुलाई में भी कनाडा में हिन्दुओं पर किए जा रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की थी। इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की। लेकिन वो अपनी सरकार और पुलिस प्रशासन की पीठ थपथपाने से बाज नहीं आए। जबकि, आरोप ये है कि पुलिस ने इस घटना पर त्वरित एक्शन नहीं लिया था।
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