त्रिपुरा

त्रिपुरा सरकार के मंत्री सुधांशु दास ने वक्फ बोर्ड पर उठाए सवाल, की ‘सनातन धर्म बोर्ड’ की मांग

सुधांशु दास ने सवाल किया है कि जब मुस्लिमों के लिए वक्फ बोर्ड तो फिर हिन्दुओं के लिए सनातन धर्म बोर्ड भी होना चाहिए। हिन्दुओं के साथ ऐसा पक्षपात भारत की समानता की नीति के अनुकूल बिल्कुल भी नहीं है।

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Kuldeep singh

देश के अलग-अलग हिस्सों में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ आवाजें लगातार उठ रही हैं। इसी क्रम में त्रिपुरा सरकार के मंत्री सुधांशु दास ने वक्फ बोर्ड की ही तरह देश में हिन्दुओं के लिए सनातन धर्म बोर्ड बनाने की मांग की है। उनसे पहले यही बात आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण भी कर चुके हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सुधांशु दास कहते हैं, “ये देश धर्म के हिसाब से बांटा गया था। इसमें हिन्दू के लिए हिन्दुस्तान और मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान। 1947 में इसी को ध्यान में रखते हुए बंटवारा किया गया था। इसलिए मेरी मांग केवल इतनी सी है कि अगर आप किसी एक को वक्फ बोर्ड दे रहे हैं तो हमारे सनातन धर्म के लिए रक्षण के लिए कोई बोर्ड क्यों नहीं है?”

उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड मुस्लिमों की संपत्तियों और उनके मामलों को देखता है। दूसरे पंथों और मजहबों के लिए भी कुछ न कुछ स्टेब्लिशमेंट है। लेकिन हिन्दू, यानि कि सनातन धर्म के जो मंदिर हैं, उन्हें सरकार कंट्रोल करती है। हिन्दुओं के लिए सनातन धर्म बोर्ड होना चाहिए। बता दें कि सुधांशु दास त्रिपुरा सरकार में पशु संसाधन विकास मंत्री हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की वो या तो मौजूदा कानूनों के तहत या फिर विशेष कानून के जरिए सनातन धर्म बोर्ड बनाए। भाजपा नेता ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस मामले में एक उपयुक्त कानून पारित करेगी।

हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग

सुधांशु दास ने केंद्र सरकार से देश के सभी हिन्दू मंदिरों को स्वतंत्र तरीके से सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए कानूनी तौर पर सनातन धर्म बोर्ड गठित करने की मांग की। भाजपा नेता कहते हैं कि वर्ष 1956 में हिन्दू कोड बिल लाया गया था। कांग्रेस की सरकारों ने हिन्दुओं को कुचलने के लिए और मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए, लेकगिन संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत अनिवार्य समान नागरिक संहिता लागू नहीं की।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हम कभी भी इस बात को नहीं भूल सकते हैं कि एक अमेरिकी मिशन के दौरान राहुल गांधी राजनयिक बातचीत के दौरान कहा था कि उन्हें इस्लामी आतंकियों से नहीं, बल्कि हिन्दू आतंकवाद से खतरा है।

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