नई दिल्ली । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को सुपरपावर की सूची में शामिल करने का समर्थन किया है। पुतिन ने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, विशाल आबादी और उसकी विकास की संभावनाएं उसे वैश्विक महाशक्तियों की सूची में लाने के लिए उपयुक्त बनाती हैं। उन्होंने कहा कि रूस और भारत के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं, जो केवल व्यापार और रक्षा सहयोग तक सीमित नहीं हैं बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में एक मजबूत साझेदारी को दर्शाते हैं। पुतिन के अनुसार, भारत न केवल एक महत्वपूर्ण साझेदार है बल्कि एक ‘प्राकृतिक सहयोगी’ भी है जो रूस के साथ दशकों से मजबूत संबंधों का प्रतीक है।
सोची में वल्दाई चर्चा क्लब में भारत की महत्ता पर जोर
गुरुवार को रूस के सोची में वल्दाई चर्चा क्लब में एक पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत के साथ रूस का सहयोग सभी दिशाओं में बढ़ रहा है। उन्होंने भारत को ‘महान देश’ की उपाधि दी और कहा कि रूस और भारत अपने संबंधों को हर क्षेत्र में विस्तार दे रहे हैं। पुतिन ने भारत के तेज आर्थिक विकास को रेखांकित किया और कहा कि भारत की जीडीपी 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो इसे एक स्थायी और मजबूत अर्थव्यवस्था बनाती है। पुतिन के अनुसार, भारत की डेढ़ अरब की आबादी, प्राचीन संस्कृति, और विकसित होने की असीम संभावनाओं के कारण उसे सुपरपावर का दर्जा मिलना चाहिए।
भारत-रूस रक्षा सहयोग: ब्रह्मोस मिसाइल का उदाहरण
रूसी राष्ट्रपति ने भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग का उदाहरण देते हुए ब्रह्मोस मिसाइल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच सहयोग का एक उत्तम उदाहरण है। ब्रह्मोस प्रणाली का विकास भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में हुआ था। यह मिसाइल प्रणाली हवा और समुद्र दोनों में तैनात की जा सकती है और यह भारत-रूस के गहरे भरोसे और साझेदारी का प्रमाण है। पुतिन ने कहा कि यह साझेदारी भविष्य में भी जारी रहेगी और यह एक उच्च स्तर के विश्वास को दर्शाती है।
सभी क्षेत्रों में भारत के साथ संबंध मजबूत कर रहा रूस
पुतिन ने बताया कि रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार में भी वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, दोनों देशों के बीच व्यापार का कुल कारोबार लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। पुतिन के अनुसार, दोनों देशों के बीच का यह मजबूत संबंध गुणवत्ता और विश्वास के मामले में अद्वितीय है, जोकि सोवियत संघ द्वारा भारत की आजादी में निभाई गई भूमिका पर आधारित है। उन्होंने इस ऐतिहासिक संबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत-रूस संबंधों के लिए एक मजबूत आधार है जो सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
BRICS में भारत-रूस सहयोग की सराहना
भारत और रूस के मजबूत संबंधों को BRICS समूह में भी देखा जा सकता है। पुतिन ने कहा कि BRICS संगठन आधुनिक युग में देशों के बीच संबंधों की एक नई परिभाषा प्रस्तुत करता है जो स्वतंत्र, सहयोगात्मक और गैर-ब्लॉक आधारित है। उन्होंने हाल ही में आयोजित 16वें BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में पेश किए गए प्रतीकात्मक BRICS बैंकनोट का भी उल्लेख किया, जिससे देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए आयाम खोले जा रहे हैं।
भारत की महाशक्ति बनने की क्षमता और उसके वैश्विक प्रभाव पर पुतिन का दृष्टिकोण
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की संस्कृति, विशाल जनसंख्या और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था उसे वैश्विक स्तर पर महाशक्ति बनने के योग्य बनाती है। पुतिन ने कहा, “हम भारत के साथ सभी दिशाओं में अपने संबंध विकसित कर रहे हैं। भारत एक महान देश है और इसके पास आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के अपार अवसर हैं।” उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती जीडीपी, जनसंख्या और प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को रेखांकित करते हुए कहा कि ये सभी गुण भारत को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
व्लादिमीर पुतिन का यह बयान भारत और रूस के बीच संबंधों की मजबूती को दर्शाता है। यह केवल एक व्यापारिक या राजनीतिक सहयोग नहीं, बल्कि एक गहरे और ऐतिहासिक संबंध का प्रतीक है जो कई दशकों से चला आ रहा है।
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