एक्स पर मस्क लिखते हैं कि जस्टिन त्रूदो की आगाामी चुनाव में कुर्सी से विदाई तय है। बता दें कि कनाडा में भी 2024 यानी इसी साल चुनाव होने तय हैं। त्रूदो 2015 से ही कनाडा के प्रधानमंत्री पद पर बैठे हैं, लेकिन इस बार उनके लिए जीत की राह उतनी सहज नहीं रही है।
‘कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो निश्चित रूप से आने वाला चुनाव हारकर कुर्सी से हट जाएंगे।’ यह घोषणा उस अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने की है जिसने अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत में विशेष भूमिका निभाई है। दुनिया की राजनीति की नब्ज पहचानने की महारथ रखने वाले मस्क की इस घोषणा के बाद से क्या त्रूदा के कार्यकाल की उलटी गिनती शुरू मानी जाए, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय राजनीति के विशेषज्ञों में चर्चा में तेजी से आ रहा है।
इसमें संदेह नहीं है कि कनाडा के प्रधानमंत्री त्रूदो अपने इस कार्यकाल के सबसे कठिन और चुनौतिपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं और अभी तक वे उन चुनौतियों को हल करने में नाकाम ही साबित हुए हैं। उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता का सबसे ज्यादा लाभ त्रूदो सरकार को अपने इशारों पर चला रहे भारत विरोधी खालिस्तानी तत्व कर रहे हैं। इन तत्वों की राजनीतिक बैसाखी के मोह में फंसे त्रूदो ने कनाडा के भविष्य तक को दांव पर लगाया हुआ है।
त्रूदो की इस वक्त देश में अल्पमत की सरकार चल रही है। इसे देखते हुए पीछे कई मौकों पर ऐसा आभास हो चुका है कि उनकी कुर्सी अब गई कि तब गई। बेशक, वहां आगामी चुनाव त्रूदो के लिए भारी पड़ने वाला है। उनके सामने अनेक अनुत्तरित प्रश्न हैं जिनका जवाब देने से वे बचते रहे हैं। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और उसमें डोनाल्ड ट्रंप की जीत के रचनाकार एलन मस्क की उक्त भविष्यवाणी पूरी गंभीरता से नोटिस की गई है।
त्रूदो अपने काम में इतने लापरवाह हो चले हैं कि उन्हें अपने देश के हित और खालिस्तान के शैतानी मंसूबों के बीच फर्क करने की भी सुध नहीं रही है। वे पिछले कुछ समय से लगातार भारत के विरुद्ध अनर्गल बयानबाजी करते आ रहे हैं। टेस्ला उद्योग के सीईओ ट्रंप समर्थक मस्क ने त्रूदो की रीति—नीति का विश्लेषण करने के बाद कहा है कि अगला चुनाव वे नहीं जीत पाएंगे।
अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मस्क लिखते हैं कि जस्टिन त्रूदो की आगाामी चुनाव में कुर्सी से विदाई तय है। बता दें कि कनाडा में भी 2024 यानी इसी साल चुनाव होने तय हैं। त्रूदो 2015 से ही कनाडा के प्रधानमंत्री पद पर बैठे हैं, लेकिन इस बार उनके लिए जीत की राह उतनी सहज नहीं रही है।
एक्स पर मस्क से एक यूजर ने जब यह कहा कि ‘कनाडा में भी हमें त्रूदो से निजात पाने के लिए आपकी मदद चाहिए’, तो उसके जवाब में मस्क ने लिखा, ‘अगले चुनाव में त्रूदो पद से रवाना हो जाएंगे।’ जैसा पहले बताया, कनाडा में त्रूदो की लोकप्रियता लगातार नीचे जा रही है। उनके पास बहुमत नहीं है और उन्होंने खालिस्तान समर्थक पार्टी से समर्थन लिया हुआ है। इसी वजह से वे खालिस्तानियों को गोद में बैठाने के लिए बदनाम हो चले हैं। भारतवंशियों के प्रति खालिस्तानी तत्व जिस प्रकार वहां हिंसा का बेशर्म प्रदर्शन कर रहे हैं, उसकी वजह से दुनिया भर में त्रूदो की सोच की भर्त्सना की जा रही है।
2013 में त्रूदो अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष बने थे। संसद में पार्टी के प्रतिनिधित्व की बात करें तो फिलहाल सदन में 338 में से उसके कुछ 153 सांसद हैं। आगामी चुनाव में त्रूदो के सामने दोहरी चुनौती होगी। उन्हें मुख्य विपक्षी पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह की एनडीपी से कड़ी टक्कर मिलने वाली है। चुनाव परिणाम के कयासों में त्रूदो के लिए भारी मुश्किल दिखाई गई है।
और तो और त्रूदो को अपनी ही पार्टी के भीतर से कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। उनकी पार्टी के ही 24 सांसदों ने गत माह उन्हें पद से इस्तीफा देने को कहा था। यानी त्रूदो की लिबरल पार्टी के अंदर ही उनकी साख खत्म होती जा रही है। लेकिन मस्क ने इस सब मुद्दों का विश्लेषण करने के बाद त्रूदो की रवानगी का बिगुल फूंक दिया है।
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