नई दिल्ली, (हि.स.)। तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में वापस आने के बाद पहली बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां के प्रमुख मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की। इसमें भारत ने अफगानिस्तान में व्यापारिक समुदाय को ईरान में चाबहार बंदरगाह के उपयोग की पेशकश की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी आज साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान के प्रभारी संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 और 5 नवंबर को काबुल का दौरा किया। यात्रा के दौरान उन्होंने कार्यवाहक रक्षा मंत्री सहित अफगान मंत्रियों के साथ कई बैठकें कीं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की। उन्होंने वहां संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुख और कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात की।
इस दौरान हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान में व्यापारिक समुदाय द्वारा लेनदेन, निर्यात और आयात और किसी अन्य चीज के लिए किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करना भारत के सहायता कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और अब तक पिछले कुछ महीनों और कुछ वर्षों में मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं। अफगानिस्तान के लोग और ये संबंध अफगानिस्तान के प्रति हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
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