उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है, जहां अकबरपुर, जलालपुर और टांडा तहसील के तीन परिवारों के आठ सदस्यों ने मुस्लिम मत त्यागकर सनातन हिंदू धर्म अपना लिया है। इन सभी ने अपने बदले हुए नामों के साथ एक शपथ पत्र जिला अधिकारी कार्यालय में सौंपा। धर्म परिवर्तन की इस प्रक्रिया में वे अयोध्या के प्रसिद्ध महंत राजू दास और समाजसेवी अरविंद पांडेय के साथ पहुंचे।
अकबरपुर तहसील के अफजलपुर सुदारी फरीदपुर गांव के निवासी निन्हकू के बेटे खलील ने अपने नए नाम राधेश्याम को अपनाया है। इसी तरह, उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने भी नाम परिवर्तित कर हिंदू नाम रखे हैं-
खलील के बेटे जुबेर अब सौरभ बन गए हैं। खलील की बेटी सबरीन अब शुभांगी बन गईं हैं। अजमत अली अब सानवीर बन गए हैं। बरकत अली अब शनि के नाम से पहचाने जाएंगे। परिवार का कहना है कि चार पीढ़ी पहले उनकी जाति ‘कहार’ हिंदू जाति के रूप में जानी जाती थी, जो परंपरागत रूप से कहार समाज से संबंधित थी। इसी पारिवारिक पहचान को वापस अपनाने की चाह में उन्होंने सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया। टांडा तहसील के हंसवर लखनपुर गांव के मोहम्मद इदरीश के बेटे तस्लीम ने गिरजेश नाम अपनाया, जबकि उनकी पत्नी नूरजहाँ अब गुड़िया बन गई हैं।
जलालपुर तहसील के जैतपुर शिवपाल गांव के हीरालाल के बेटे नूर मोहम्मद ने रामबाबू नाम चुना। उन्होंने अपनी मुस्लिम नट जाति को छोड़कर हिंदू नट जाति में वापसी की घोषणा की।
इन परिवारों ने जिला अधिकारी कार्यालय में जाकर अपने नाम और धर्म परिवर्तन का शपथ पत्र सौंपा, जिसे उप जिलाधिकारी रविकांत चौबे ने ग्रहण किया। उन्होंने इस प्रक्रिया को कानूनी रूप से दर्ज करते हुए इन्हें अपने नए नामों की पहचान दी। अयोध्या के महंत राजू दास ने बताया कि ये परिवार स्वेच्छा से अपने पूर्वजों की परंपरा में वापस लौट रहे हैं।
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