संघ

चित्रकूट में संघ का प्रांतस्तरीय वर्ग शुरू, सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को कराया दायित्वबोध

Published by
WEB DESK

सतना, (हि.स.)। भगवान श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का महाकौशल क्षेत्र के प्रांत स्तरीय वर्ग सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की मौजूदगी में मंगलवार से शुरू हो गया। सरसंघचालक डॉ भागवत ने संघ के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने अगले साल होने वाले संघ के शताब्दी वर्ष को अच्छे से मनाए जाने की बात कही। उन्होंने समाज के प्रति स्वयंसेवकों की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्हें दायित्व बोध कराया।

चित्रकूट के दीनदयाल परिसर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया सभागार में आयोजित प्रांत स्तरीय वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सरसंघचालक डॉ भागवत ने समरस समाज निर्माण के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए हिंदुत्व और हिंदुओं की एकता के लिए काम करने की प्रेरणा दी। उन्होंने समाज के प्रति संघ चालकों की भूमिका पर उद्बोधन दिया। डॉ भागवत ने कहा कि संघ किसी वर्ग विशेष का नहीं बल्कि सभी का है और समरस समाज के निर्माण के लिए सतत कार्यरत है। संघ के स्वयंसेवक समाज मे संघ के प्रतिनिधि होते हैं।

उन्होंने कहा कि समाज उनसे अपेक्षा रखता है और उनके प्रति आशान्वित रहता है। इस नाते में समाज के प्रति स्वयंसेवकों-संघचालकों की जिम्मेदारी भी ज्यादा है। समाज में संघ और उसकी विचारधारा की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए संघ चालकों को भी दृष्टिकोण रखना होगा। समाज के हित और उत्थान के कार्यों को गति प्रदान करनी होगी। लोग भ्रांतियां फैलाते हैं लेकिन, हमें अपने कार्यों से न केवल उन्हें जवाब बल्कि समाज को संदेश भी देना होगा। वर्ग के दूसरे सत्र में सामाजिक विषमता और समरसता पर मंथन करते हुए कहा गया कि संघ में जातीय भेदभाव और छुआछूत की भावना का कोई स्थान नहीं है।

Share
Leave a Comment