कनाडा में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हमला और उनकी आस्था से खिलवाड़ जारी है। रविवार 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हमला किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। पुलिस ने भी कट्टरपंथियों का साथ देते हुए श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि सभी हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे हैं। खैर, यह कोई पहली घटना नहीं है जब खालिस्तानियों ने कनाडा में हिंदुओं और उनके मंदिरों को निशाना बनाया हो। इससे पहले ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया, ब्रैम्पटन और कनाडा के अन्य स्थानों में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं। आइये उन सभी हमलों पर एक नजर डालते हैं।
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले
2022 के बाद से 20 से अधिक हिंदू मंदिरों पर हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुल मिलाकर, 2022 के बाद से कट्टरपंथियों ने कनाडा में लगभग 20 से अधिक हिंदू मंदिरों को इसी तरह से निशाना बनाया है। हिंदुओं और उनके मंदिरों से नफरत करने वाले अभी भी कनाडा में खुलेआम घूम रहे हैं। कनाडा की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां अभी तक इन घटनाओं के पीछे के लोगों की पहचान नहीं कर सकी हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे हाथों में खालिस्तानी झंडा लेकर ये चरमपंंथी हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। उनके मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। भारत के विरोध में प्रदर्शन करने, भारतीय तिरंगे को जलाने और उसे पैरों तले दबाने से भी जब इन खालिस्तानियों मन नहीं भरता तब वह किसी न किसी हिन्दू मंदिर पर हमला कर देते हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक कनाडा में हिंदू और उनके मंदिरों पर इसी तरह एक के बाद एक हमले होते रहेंगे? आखिर क्यों इन खालिस्तानी आंतकियों के खिलाफ वहां की सरकार कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती? आखिर इन्हें किनका समर्थन प्राप्त है, जो सड़कों पर खुलेआम हिंदुओं, भारतीय तिरंगा का अपमान करते हुए भी ये लोग नहीं डरते? क्यों इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं की जाती ?
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