कनाडा में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हमला और उनकी आस्था से खिलवाड़ जारी है। रविवार 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हमला किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। पुलिस ने भी कट्टरपंथियों का साथ देते हुए श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि सभी हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे हैं। खैर, यह कोई पहली घटना नहीं है जब खालिस्तानियों ने कनाडा में हिंदुओं और उनके मंदिरों को निशाना बनाया हो। इससे पहले ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया, ब्रैम्पटन और कनाडा के अन्य स्थानों में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं। आइये उन सभी हमलों पर एक नजर डालते हैं।
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले
- इस साल जुलाई में कनाडा के एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तानी कट्टपंथियों ने तोड़फोड़ की थी। मंदिर के मुख्य दरवाजे और पीछे की दीवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर भी चिपकाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय-कनाडाई सांसद चंद्र आर्य को निशाना बनाते हुए ‘हिंदू आतंकवादी’ शब्द लिखे गए थे। सितंबर 2022 के बाद से यह चौथी बार था, जब कनाडा में किसी बीएपीएस मंदिर को निशाना बनाया।
- पिछले साल सितंबर (2023) में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में स्थित श्री माता भामेश्वरी दुर्गा देवी में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। मंदिर पर काले रंग के स्प्रे से भारत विरोधी संदेश लिखे गए थे। मंदिर की दीवारों पर लिखा गया, “पंजाब भारत नहीं है।” सोशल मीडिया पर इसकी कई तस्वीरें भी वायरल हुई थीं।
- पिछले वर्ष अगस्त (2023) में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने मेट्रो वैंकूवर क्षेत्र में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था मंदिर को इसी तरह निशाना बनाया था
- पिछले साल अप्रैल में ओंटारियो के विंडसर शहर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। यही नहीं मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक नारे भी लिखे गए थे। विंडसर की पुलिस ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया था, जिसमें मास्क पहने दो लोग मंदिर में तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दे रहे थे।
- कनाडा के मिसिसॉगा स्थित श्रीराम मंदिर को खालिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा इसी तरह निशाना बनाया गया था। यह घटना फरवरी 2023 की है। मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।
- कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा गौरी शंकर मंदिर को अपवित्र किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2023 में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े खालिस्तानियों द्वारा मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाए गए थे। गौरी शंकर मंदिर की बाहरी दीवार पर स्प्रे से ‘खालिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ का नारा लिखा गया था।
2022 के बाद से 20 से अधिक हिंदू मंदिरों पर हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुल मिलाकर, 2022 के बाद से कट्टरपंथियों ने कनाडा में लगभग 20 से अधिक हिंदू मंदिरों को इसी तरह से निशाना बनाया है। हिंदुओं और उनके मंदिरों से नफरत करने वाले अभी भी कनाडा में खुलेआम घूम रहे हैं। कनाडा की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां अभी तक इन घटनाओं के पीछे के लोगों की पहचान नहीं कर सकी हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे हाथों में खालिस्तानी झंडा लेकर ये चरमपंंथी हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। उनके मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। भारत के विरोध में प्रदर्शन करने, भारतीय तिरंगे को जलाने और उसे पैरों तले दबाने से भी जब इन खालिस्तानियों मन नहीं भरता तब वह किसी न किसी हिन्दू मंदिर पर हमला कर देते हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक कनाडा में हिंदू और उनके मंदिरों पर इसी तरह एक के बाद एक हमले होते रहेंगे? आखिर क्यों इन खालिस्तानी आंतकियों के खिलाफ वहां की सरकार कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती? आखिर इन्हें किनका समर्थन प्राप्त है, जो सड़कों पर खुलेआम हिंदुओं, भारतीय तिरंगा का अपमान करते हुए भी ये लोग नहीं डरते? क्यों इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं की जाती ?
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