‘असम में कुछ लोग कहते थे कि हम मदरसा बंद नहीं कर पाएंगे। मैंने बोला देश को डॉक्टर और इंजीनियर की जरूरत है न कि मुल्लों की। उन्होंने कहा कि हल्ला हो जाएगा। मैंने कहा-ठीक है हल्ला करके दिखाओ मैं भी देखता हूं।’ ये कहना है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा का। उन्होंने झारखंड में कहा कि इसी तरह की नौटंकी राम मंदिर बनते वक्त की जा रही थी। उस दौरान भी ये लोग कहते थे हल्ला हो जाएगा। कुछ नहीं हुआ। जब भी हिंदू एक हुआ है कोई हल्ला नहीं कर सका।
मुख्यमंत्री सरमा झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार करने के लिए आए थे। उसी दौरान चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही। सीएम सरमा ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि जेएमएम और कांग्रेस का एक ही उद्देश्य है जाति के नाम पर हिन्दुओं को बांटना और समुदाय विशेष का तुष्टकरण करके उसका शत प्रतिशत वोट हासिल करना। बांग्लादेशी घुसपैठ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने चिंता जाहिर की कि अगर इसी तरह से घुसपैठ होती रही तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि झारखंड में हिन्दू केवल 50 फीसदी ही रह जाएंगे।
ये चुनाव हिन्दुओं की अस्मिता की लड़ाई
उन्होंने ये भी कहा कि इस बार का प्रदेश का विधानसभा चुनाव प्रदेश के हिन्दुओं की अस्मिता की लड़ाई है। ऐसा इसलिए, क्योंकि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की घुसपैठ लगातार बढ़ती जा रही है, जिसे रोकना आवश्यक है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही एक इंटरव्यू के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उम्मीदवार चंपई सोरेन ने प्रदेश सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि झारखंड में बांग्लादेशी लगातार घुसपैठ कर रहे हैं। जिन गांवों में 100-150 वनवासी पहले रहते थे, आज वहां पर एक भी आदिवासी देखने को नहीं मिल रहा है। वनवासियों का इस्लामिक कन्वर्जन और लव जिहाद जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में कन्वर्जन लगातार बढ़ता जा रहा है। पहले इस तरह की प्रथाएं नहीं थी, लेकिन हाल के वर्षों में धर्मांन्तरण का मुद्दा बड़ा बन गया है।
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