कर्नाटक

महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव के कारण वक्फ द्वारा क्लेम की गई जमीन की नोटिस को कर्नाटक सरकार ने लिया वापस: महेश टेंगनिकाई

Published by
Kuldeep singh

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीन पर दावा ठोंकने के बाद राज्य की कांग्रेस शासित सिद्धारमैया सरकार द्वारा किसानों को जारी की गई नोटिस को वापस लेना दिखावा मात्र है। ये आरोप हैं प्रदेश भाजपा नेता महेश टेंगिनकाई के। उन्होंने दावा किया कि चूंकि इस वक्त महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं इस कारण से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को वक्फ भूमि मामले से जुड़े सभी नोटिसों को वापस लेने के लिए निर्देश दिए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि पहले इसी सरकार ने नोटिस जारी किए थे, लेकिन अब वे इसे वापस ले रहे हैं। इन लोगों ने बड़ा घोटाला करने की साजिश रची है। अगर सच में नोटिस को वापस ले रहे हैं तो राजपत्र से भी इसे हटाइए। अभी चुनाव हैं तो कांग्रेस इसे वापस ले रही है,लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि चुनाव के बाद वे इसे दोबारा से नहीं जारी करेंगे।

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क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि कर्नाटक के विजयपुर जिले के टिकोटा तालुक स्थित होनवाड़ा गांव के करीब 41 किसानों को हाल ही में वक्फ बोर्ड की तरफ से एक नोटिस भेजा गया था, जिसमें ये दावा किया गया कि उनकी 1500 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। किसानों को नोटिस भेजे गए, जिसमें कहा गया था कि यह जमीन शाह अमीनुद्दीन दरगाह के अधीन है और वक्फ संपत्ति के रूप में चिन्हित है। हालाँकि, किसानों का कहना था कि उनके गांव में इस नाम की कोई दरगाह नहीं है और यह जमीन उनके परिवारों की पुश्तैनी संपत्ति है।

हालांकि, लोगों के विरोध प्रदर्शनों के बाद कर्नाटक सरकार ने वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की 1500 एकड़ जमीन पर मनमाने तरीके से अपना दावा ठोंकने के बाद जारी किए गए नोटिस को वापस लेने का फैसला किया था

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