कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो गलत कारणों से लगातार चर्चा में हैं। पिछले दिनों कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के आगे झुक जाने से लेकर अब लंदन में एक कथित रूप से मुस्लिम परिवार पर नस्लीय हमले को इस्लामोफोबिक बताने को लेकर वे लोगों के निशाने पर हैं। लंदन में एक मुस्लिम परिवार पर कथित रूप से हमला हुआ है और उसे लेकर नेशनल काउंसिल ऑफ कनाडियन मुस्लिम्स ने यह दावा किया कि वह मुस्लिम परिवार था। मुस्लिमों के प्रति घृणा वाले अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
नस्लीय हमला करने वाले को पकड़ लिया गया है और ऐसा कहा जा रहा है कि वह एक 61 वर्षीय है। नेशनल काउंसिल ऑफ कनाडियन मुस्लिम्स ने इस कथित घृणा अपराध के विषय में एक्स पर पोस्ट किया था कि उन्हें इस बात का पता है कि कैसे लंदन में एक मुस्लिम परिवार पर नस्लीय हमला हुआ। इसे लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी एक्स पर पोस्ट लिखा
My heart goes out to the Muslim community in London who have faced repeated acts of hate and violence. The attack this week against a Muslim family in a park is abhorrent and unacceptable.
Islamophobia is deadly, and we need to name it and condemn it—loudly—wherever we see it.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) October 31, 2024
उन्होंने लिखा कि मेरा दिल लंदन में मुस्लिम परिवार के लिए दुख से भर गया है, जिन पर हमला हुआ है। इस सप्ताह मुस्लिम परिवार पर हुआ हमला खतरनाक और अस्वीकार्य है। इस्लामोफोबिया मारने वाला है और हमें निंदा करनी चाहिए।
ट्रूडो इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ कनाडियन मुस्लिम्स वही संस्था है जिसने जस्टिन ट्रूडो को इस विषय में पत्र लिखा था कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक पर प्रतिबंध लगाएं। पिछले वर्ष नेशनल काउंसिल ऑफ कैनेडियन मुस्लिम्स ने कनाडा में सिख विरोधी हिंसा को आरएसएस और संघ परिवार से जोड़ा था। इसमें लिखा था कि संघ परिवार और आरएसएस से संबंधित समूहों की उपस्थिति दुखद रूप से लेकिन पूर्वानुमानित रूप से कनाडा में हिंदू वर्चस्ववादी बयानबाजी और कार्रवाई की विभिन्न घटनाओं के साथ मेल खाती है। इसी रिपोर्ट को लिखने वाली संस्था के ही सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर अब जस्टिन ट्रूडो ने इस्लामोफोबिया का आरोप लगाया है। वहीं जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाने वाले माह के दौरान इस्लामिक हेरिटेज मंथ प्रदर्शनी के लिए शुभकामनाएं भेजी हैं।
Special Message from the Prime Minster of Canada for Islamic Heritage month Exhibition organized by Ahmadiyya Muslim Jama`at Canada.
"At a time when some voices around us are focused on division, events like today’s that unite our Muslim community, inspire them to be proud of… pic.twitter.com/lD3U2gz06y— Mubashir Khalid (@MubashirAKhalid) October 26, 2024
मगर ये वही जस्टिन ट्रूडो हैं जो अपने ही देश में यहूदियों पर बढ़ रहे नस्लीय हमलों पर मौन रहते हैं और हिंदुओं पर खालिस्तान समर्थकों पर हो रहे हमलों पर भी चुप रहते हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसको लेकर जस्टिन ट्रूडो को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रश्न किये हैं कि जस्टिन ट्रूडो की आखिर क्या ऐसी मजबूरी है कि वह अपने ही देश में बढ़ रहे यहूदियों पर अपराधों पर चुप हैं और दूसरे देश में इस्लाम पर हुए हमले को लेकर बोलते हैं।
वहीं यूरोप में जिस प्रकार से मुस्लिम शरणार्थियों ने हंगामा मचाया है, स्थानीय लोगों को मार रहे हैं, यूरोप की श्वेत लड़कियों पर निशाना साधा जा रहा है और उन्हें हवस का शिकार भी बनाया जा रहा है, उस विषय में जस्टिन ट्रूडो की कोई भी आवाज नहीं सुनाई देती है। लोग प्रश्न उठा रहे हैं, मगर उत्तर नही हैं। क्या कारण हैं कि जस्टिन ट्रूडो की नजर उन सभी घृणा के अपराधों पर नहीं जाती है, जो गैर-मुस्लिमों पर केवल उनके उस पहचान के कारण होते हैं। जस्टिन ट्रूडो भी शायद अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण मुस्लिम और खालिस्तान समर्थक मानसिकता के तुष्टिकरण की ओर बढ़ रहे हैं या फिर कहें कि बहुत आगे जा चुके हैं, जिसे लेकर उनके अपने ही देश में असंतोष उत्पन्न हो गया है और लोग प्रश्न कर रहे हैं।
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