लखनऊ से आदेश मिलने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस टीम ने सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में कई मकतबों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया। इस निरीक्षण में शामिल मुख्य बिंदु हैं संपत्ति का विवरण, वित्तपोषण का स्रोत और मकतबों का पंजीकरण। इन जिलों के मकतबों के बारे में कुछ शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने मकतबों की गतिविधियों की विशेष जांच के आदेश दिए।
सहारनपुर रेंज के अंतर्गत कुल 473 के लिए चेकिंग की गई है। इनमें से शामली में 190, मुजफ्फरनगर में 165 और सहारनपुर में 118 हैं। इस जांच में आठ बिंदु शामिल होंगे, जिनमें संपत्ति की स्थिति, वित्त पोषण, पंजीकृत छात्रों की संख्या, शैक्षणिक बुनियादी ढांचा और अंत में पंजीकरण का सत्यापन शामिल होगा। इसने विशेष रूप से उन मकतबों की जांच की है जो बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।
एटीएस की देवबंद इकाई की पांच सदस्यीय टीम ने बुधवार को सहारनपुर के कैराना क्षेत्र में कम से कम छह घंटे लंबा अभियान चलाया। गुलशन नगर, पानीपत रोड, जो कि मदरसा फलाहुल मुबीन का स्थान है, तथा टीटा रोड के पास स्थित मदरसा फाइक मसीहुल उम्मत का विस्तार से निरीक्षण किया गया। पंजीकृत छात्रों की संख्या, आय के स्रोत और उपलब्ध शैक्षिक सुविधाओं के बारे में जानकारी मकतब के प्रबंधन से एकत्र की गई थी।
गौरतलब है कि प्रशासन के आदेश के बाद सितंबर 2022 में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का निरीक्षण भी किया गया था। उस समय स्थानीय प्रशासन ने मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या, बुनियादी ढांचे और आय के स्रोतों के आधार पर 11 बिंदुओं पर जांच की थी। इस बार एटीएस की जांच पिछले निरीक्षण की अगली कड़ी मानी जा रही है, जिसमें मकतबों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
एटीएस टीम द्वारा लगभग छह घंटे तक चली पूछताछ और दर्जनों पृष्ठों के दस्तावेजों की ,जांच के बाद एटीएस टीम वापस लौट गई। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने इस जांच के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
मकतबों की कार्यप्रणाली पर कई शिकायतें मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। एटीएस यह सुनिश्चित करेगा कि इन शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकरण और वित्त पोषण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। इसके साथ ही, बिना पंजीकरण के चलाए जा रहे मकतबों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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