दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण पत्र संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लिखा है। इस पत्र में आतिशी ने आईएएस अश्विनी कुमार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को अवैध ठहराया है। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना ही प्रस्तुत की गई है, जिससे इसकी वैधता संदिग्ध हो जाती है।
आतिशी ने पत्र में उल्लेख किया कि जब तक इस रिपोर्ट को दिल्ली सरकार से स्वीकृति नहीं मिलती, इसे रद्द माना जाना चाहिए। उनका यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार वक्फ बोर्ड के मामलों में पारदर्शिता और प्रक्रिया के प्रति गंभीर है।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए गठित 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में भी हंगामा देखने को मिला। कई विपक्षी सदस्यों ने इस रिपोर्ट के खिलाफ विरोध दर्ज करते हुए बैठक से बाहर जाने का फैसला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना वक्फ बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट में बदलाव किए हैं, जिससे यह मुद्दा और अधिक गंभीर हो गया है।
विपक्षी नेताओं, जिनमें आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला, और कांग्रेस के नसीर हुसैन शामिल थे, ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में सरकार को पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
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