दुनियाभर में 50 से अधिक मुस्लिम देश हैं, लेकिन अधिकतर देशों में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय है। ईरान, ईराक हो या हो अफगानिस्तान। हर देश में महिलाओं को हिजाब पहनने बुर्के में रहने के लिए प्रताड़ित किया जाता है। उन पर कई तरह की बंदिशें थोपी गई हैं। ऐसे ही कुछ मुस्लिम देशों के बारे में जानते हैं, जहां पर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
कंसर्न वर्ल्ड वाइड की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की स्थिति के मामले में 10वें स्थान पर है पाकिस्तान। यहां पर 21 फीसदी महिलाओं के साथ सामाजिक भेदभाव किया जाता है। कट्टरपंथियों द्वारा महिलाओं को शिक्षा लेने से रोका जा रहा है। ऐसा ही कुछ हाल मध्य अफ्रीकी गणराज्य का है, जहां पर 61 फीसदी की स्थिति बहुत ही बुरी है। वहां पर 61 फीसदी महिलाओं का निकाह 14 साल की उम्र में ही कर दिया जाता है। इसी तरह से दक्षिणी अफ्रीकी देश सोमालिया में भी सिर्फ 2 फीसदी महिलाएं ही आधुनिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा पाती हैं। सोमालिया की महिलाओं की मृत्यु दर भी काफी उच्च है। हालात ये हैं कि वहां पर अगर एक लाख बच्चों का जन्म होता है तो उसमें से 829 महिलाएं मार दी जाती हैं।
ऐसे ही चाड में वहां पर मात्र 16 वर्ष की ही आयु में लड़कियों का निकाह मुस्लिम कर देते हैं। चाड में हालात इतने बदतर हैं कि एक लाख बच्चों के जन्म पर 1140 महिलाओं की मौत हो जाती है।
कांगो भी अफ्रीका महाद्वीप का लोकतांत्रिक गणराज्य हैं, जहां 51 फीसदी मुस्लिम महिलाएं पुरुषों के द्वारा प्रताड़ित की जाती हैं। आंकड़ों पर नजर डाला जाए कांगो में प्रति 1000 महिलाओं में से 124 महिलाएं मात्र 18 साल की आयु में ही मां बन जाती हैं। ये देश में महिलाओं की स्थिति को दिखाता है।
यही हाल दक्षिण सूडान का है, जो कि इस्लामिक राष्ट्र है। वहां केवल 5 फीसदी महिलाएं ही ऐसी हैं, जो कि खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना पाती हैं। यहां 100 में से एक गर्भवती महिला की मौत हो जाती है।
वहीं सीरिया में स्थिति बहुत ही खराब है। सीरिया में एक लाख महिलाओं की मौत में 75 महिलाओं की मृत्यु हिंसा के ही कारण होती है। महिलाओं के साथ यौन हिंसा आम बात है।
अफगानिस्तान में प्रत्येक 100 महिलाओं में से 35 महिलाएं हिंसा का शिकार हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में महिलाओं की ऑनर किलिंग सामान्य हो गई है।
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