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भारत-स्पेन वार्ताः  निवेश के लिए फास्ट ट्रैक तंत्र और रेलवे में सहयोग पर बनी सहमति

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WEB DESK

नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के उनके समकक्ष पेड्रो सांचेज़ के बीच सोमवार को लक्ष्मी विलास पैलेस, वडोदरा में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुछ प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी। इस दौरान बेंगलुरु में स्पेनिश वाणिज्य दूतावास की स्थापना और बार्सिलोना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के संचालन की घोषणा की गई। भारत और स्पेन में पारस्परिक निवेश की सुविधा के लिए फास्ट ट्रैक तंत्र की स्थापना की जाएगी।

दोनों नेताओं ने आज वडोदरा में सी295 विमान के अंतिम असेंबली लाइन प्लांट का संयुक्त उद्घाटन किया, जिसे एयरबस स्पेन के सहयोग से टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा बनाया गया है। दोनों देशों ने वर्ष 2026 को भारत-स्पेन संस्कृति, पर्यटन और एआई वर्ष के रूप में घोषित किया है। भारत-स्पेन ऑडियो विजुअल सह-उत्पादन समझौते के तहत संयुक्त आयोग का निर्माण करेंगे।

दोनों देशों के बीच रेल परिवहन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन और सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता पर समझौता हुआ है। दोनों देश वर्ष 2024-2028 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

प्रतिनिधिस्तर की वार्ता के बाद वडोदरा में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ की यह यात्रा ऐतिहासिक रही है। पिछले दो दशकों में स्पेन के किसी प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। इस दौरान रेलवे में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो रखरखाव और सुरक्षा तथा अन्य प्रशिक्षण पहलुओं की देखभाल करेगा। नेताओं के बीच ऊर्जा से लेकर परिवहन, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों के कई पहलुओं पर चर्चा हुई है। व्यापार का कुल आंकड़ा बढ़ रहा है और यह अब 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। साथ ही, एक-दूसरे के देशों में विभिन्न कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ रहा है। इसलिए आर्थिक साझेदारी वास्तव में अच्छी चल रही है।

उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा औद्योगिक सहयोग के प्रतीक सी-295 विमान परियोजना में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधित रक्षा उद्योगों को भारत में इसी तरह की संयुक्त परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

दोनों नेताओं की वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत-स्पेन बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें यूएनएससी सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को अधिक प्रतिनिधिक, प्रभावी, लोकतांत्रिक, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना शामिल है। भारत ने 2031-32 की अवधि के लिए स्पेन की यूएनएससी उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया जबकि स्पेन ने 2028-29 की अवधि के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

संयुक्त वक्तव्य के अनुसार भारत और लैटिन अमेरिकी क्षेत्र के बीच बढ़ते राजनीतिक और वाणिज्यिक संबंधों और स्पेन के साथ साझा ऐतिहासिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए दोनों नेताओं ने क्षेत्र में निवेश और विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग की अपार संभावनाओं को पहचाना। स्पेन ने एसोसिएट ऑब्जर्वर के रूप में इबेरो-अमेरिकी सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया, जो लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने 2026 में स्पेन में आयोजित होने वाले इबेरो-अमेरिकी शिखर सम्मेलन तक प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्धता जताई, ताकि भारत स्पेन के प्रो टेम्पोर सचिवालय की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सके।

उन्होंने यूरोपीय संघ-भारत कनेक्टिविटी साझेदारी के उद्देश्यों को पूरी तरह से साकार करने के लिए अपने सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही भारत और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना (आईएमईसी) की क्षमता को मान्यता दी। उन्होंने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रसद, बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों में क्षेत्रीय देशों के बीच सहयोग के अवसरों की खोज की।

दोनों नेताओं ने भारत और स्पेन में आपसी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘फास्ट ट्रैक मैकेनिज्म’ की स्थापना का स्वागत किया दोनों नेताओं ने वलाडोलिड विश्वविद्यालय में हिंदी और भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठ की स्थापना का स्वागत किया। भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत में शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है। इस संदर्भ में, प्रधान मंत्री मोदी ने प्रमुख स्पेनिश विश्वविद्यालयों को भारतीय संस्थानों के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया।

उल्लेखनीय है कि स्पेन के प्रधानमंत्री सांचेज़ का आज वडोदरा में सांस्कृतिक स्वागत किया गया और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। उन्होंने मुंबई का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रमुख व्यापारिक नेताओं, सांस्कृतिक हस्तियों और भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

स्पेन ने भारत को आईडीआरए (अंतरराष्ट्रीय सूखा प्रतिरोध गठबंधन) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसे 2022 में लॉन्च किया गया था। यह तैयारियों और अनुकूलन उपायों के माध्यम से सूखे के प्रति देशों, शहरों और समुदायों को मजबूत बनाने के लिए ठोस कार्यों को बढ़ावा देने का एक मंच है।

दोनों नेताओं ने स्पष्ट रूप से आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में निंदा की, जिसमें आतंकवादी प्रॉक्सी और सीमा पार आतंकवाद का उपयोग भी शामिल है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है और सभी आतंकवादी हमलों के आपराधियों को बिना देरी किए न्याय के कठघरे में लाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने माना कि विदेश, अर्थव्यवस्था और वाणिज्य तथा रक्षा मंत्रालयों के बीच चल रहा द्विपक्षीय सहयोग अच्छी तरह से काम कर रहा है और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और विविधता लाने की दृष्टि से दोनों पक्षों को साइबर सुरक्षा, व्यापार, संस्कृति, पर्यटन, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंध के क्षेत्र में नियमित बातचीत आयोजित करनी चाहिए।

उन्होंने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग की खोज के महत्व पर भी सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने शहरी सतत विकास पर समझौता ज्ञापन के शीघ्र समापन की आशा व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध और पश्चिम एशिया में सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और बातचीत के जरिये समाधान तलाशने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाइयों में तेजी लाने पर बल दिया।

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