अमरेली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के अमरेली और सौराष्ट्र के लिए करीब 4800 करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मोदी ने अमरेली के दुधाला में भारत माता सरोवर का उद्घाटन किया। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत गुजरात सरकार और ढोलकिया फाउंडेशन के सहयोग से विकसित की गई है। इन परियोजनाओं से राज्य के अमरेली, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ और बोटाद जिलों के नागरिकों को लाभ होगा।
अमरेली के लाठी में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने सौराष्ट्र-अमरेली के लिए ये सौगात दी। प्रधानमंत्री 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें एनएच 151, एनएच 151ए एवं एनएच 51 और जूनागढ़ बाईपास के विभिन्न खंडों को चार लेन का बनाना शामिल है। जामनगर जिले के ध्रोल बाईपास से मोरबी जिले के अमरान तक के शेष खंड को चार लेन की परियोजना का शिलान्यास भी किया गया। लगभग 1,100 करोड़ की लागत वाली भुज-नालिया रेल गेज परिवर्तन परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस व्यापक परियोजना में 24 बड़े सेतु, 254 छोटे सेतु, 3 रोड ओवरब्रिज और 30 रोड अंडरब्रिज शामिल हैं और यह कच्छ जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री अमरेली जिले के जलापूर्ति विभाग की 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें नवादा से चावंड बल्क पाइपलाइन शामिल है जो बोटाद, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर जिले के 36 शहरों तथा 1,298 गांवों के लगभग 67 लाख लाभार्थियों को अतिरिक्त 28 करोड़ लीटर पानी प्रदान करेगी। भावनगर जिले में पसवी समूह की संवर्धित जल आपूर्ति योजना के दूसरे चरण का शिलान्यास भी किया गया, जिससे भावनगर जिले के महुवा, तलाजा और पालीताना तालुका के 95 गांवों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने पर्यटन से जुड़ी विभिन्न विकास संबंधी पहलों का शिलान्यास भी किया, जिसमें पोरबंदर जिले के मोकरसागर में करली पुनर्भरण जलाशय को एक विश्वस्तरीय टिकाऊ इको-पर्यटन स्थल में बदलना शामिल है।
इसके अलावा मोदी ने ढोलकिया फाउंडेशन के एक चेक डैम के उन्नयन कार्य का उद्घाटन किया। मूल रूप से यह बांध 4.5 करोड़ लीटर पानी रोक सकता था लेकिन इसे गहरा करने, चौड़ा करने और मजबूत करने के बाद इसकी क्षमता बढ़कर 24.5 करोड़ लीटर हो गई है। इस उन्नयन से आस-पास के कुओं का जलस्तर बढ़ गया है जिससे स्थानीय गांवों और किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
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