उत्तर प्रदेश में मदरसों के वित्त पोषण की जांच को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य की योगी सरकार ने एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) को निर्देश दिए हैं। यूपी एटीएस अब राज्य भर में चल रहे लगभग 4,000 गैर-अनुदानित मदरसों की फंडिंग की जांच कर रही है। यह कदम तब उठाया गया जब गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के संबंध में कुछ मामलों में असामान्य गतिविधियों की सूचनाएँ सामने आईं।
बहराइच में 495 मदरसों पर ATS की नजर
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने जानकारी दी कि अकेले बहराइच में ही 495 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान की गई है, जिनमें से लगभग 100 मदरसे भारत-नेपाल सीमा के निकट स्थित हैं। इन क्षेत्रों में कई मदरसे बिना पंजीकरण के मकतब के रूप में संचालित हो रहे हैं। अब एटीएस द्वारा इन मदरसों के वित्त पोषण के स्रोतों का पता लगाने और संदिग्ध फंडिंग की संभावना को देखते हुए विस्तृत जांच की जा रही है।
फंडिंग की जांच
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सभी गैर-अनुदानित मदरसों के वित्तीय स्रोतों पर नज़र रखने का आदेश दिया है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि क्या इन मदरसों को किसी अवैध स्रोत से धन प्राप्त हो रहा है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित मदरसों को। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा द्वारा सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को 21 अक्टूबर को पत्र जारी कर इस मुद्दे पर जांच करने के निर्देश दिए गए थे।
एटीएस की टीमें हर जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में इन मदरसों के संचालन का विवरण जुटा रही हैं। जांच टीम के प्रभारी यह जानने का प्रयास करेंगे कि कौन से मदरसे बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं, और ये कब से चल रहे हैं।
बहराइच जिले में 792 मदरसों में से 495 गैर-मान्यता प्राप्त पाए गए हैं। एटीएस द्वारा गठित टीम इस बात की जांच करेगी कि इन मदरसों को वित्तीय सहायता कहां से और किस तरह से प्राप्त हो रही है। यह भी देखा जाएगा कि क्या मदरसों का पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है और अगर नहीं, तो इसके कारण क्या हैं।
जांच के बाद एटीएस अपनी विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को सौंपेगी। जिला प्रशासन भी इस जांच में समन्वय स्थापित कर रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिससे शासन की नीतियों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
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